बेटे सुनील महतो ने बताया कि घटना के दिन 12 दिसंबर को वह बहन के साथ स्कूल गया था। दोनों भाई-बहन स्कूल से घर लौटे तो मां को नहीं पाया। तभी उन्हें मां के जंगल में लकड़ी लाने जाने की बात पता चली। देर शाम तक मां जंगल से नहीं लौटी तो लोग चिंतित हो उठे। देर रात 11 बजे तक खोजबीन की गई। मगर कोई सुराग नहीं मिला। दूसरे दिन खोजबीन करने जंगल की ओर गए।तो देखा कि जंगल में लकड़ी का बोझा पड़ा था। साथ ही उस जगह पर मां की टूटी चूड़ियां बिखरी थीं। इसके बाद उन्हें किसी अनहोनी का आशंका सताने लगी। इसके बाद 14 दिसंबर को थाना पहुंचकर मां के गुमशुदगी का आवेदन दिया गया। जिसके बाद पुलिस गांव पहुंचकर छानबीन की। फिर लौट गई। इसी बीच 15 दिसंबर को सुबह खोजबीन के दौरान राजा डेरा जंगल के पास एक गड्ढे में बोरा में बंद शव मिला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के पहुंचने के बाद बोरा से शव को बाहर निकाला गया, तब देखा कि शव मां का था। बेटे ने कहा कि कई परिवार खानदान से जुड़ा हुआ है। गांव के कुछ लोग जब भी उनके घरों में कोई बड़ा अथवा छोटा घटना घटती थी तो उनकी मां को डायन कहकर प्रताड़ित किया जाता था। इधर हाल के दिनों में एक माह पूर्व ट्रैक्टर से गिरकर गांव के ही मारवाड़ी साहू की मौत हुई थी। मारवाड़ी की मौत के बाद उसके परिवार के लोग छत्तीसगढ़ राज्य के जशपुर जिला जाकर एक भगत के पास मौत के कारणों को टटोल रहे थे। जिसपर उक्त भगत ने चंद्रवती को डायन करार दिया था। इसके बाद परिवार जशपुर से लौट कर मारवाड़ी की मौत का जिम्मेवार चंद्रवती को मानने लगी। मार देने की धमकी देने लगे। गांव के ही राजेन्द्र महतो पिता जतरू महतो, रमेश महतो पिता चेतन महतो व मोहर महतो पिता भैरव महतो डायन कहकर प्रताड़ित करते थे। बेटे सुनील ने यह भी बताया कि आठ माह पूर्व भी उसकी मां की हत्या के इरादे से तीनों आरोपी समेत गांव के कुछ अन्य लोग घर में घुस गये थे, परंतु उस वक्त उसकी मां गांव से बाहर मेहमानी गई थी। जिस कारण उसकी जान बच गई थी। सूचना के बाद मौके पर पहुंचकर समाजसेवी जितेंद्र साहू उर्फ जीतू साहू, शिवदयाल साहू, गंदूर महतो, भोला चौधरी आदि ने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया। भासकर न्यूज |गुमला सदर थाना क्षेत्र के मुरकुंडा फुटकल टोली गांव निवासी 45 वर्षीय महिला चंद्रवती देवी का डायन बिसाही के आरोप में हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने महिला चंद्रवती का शव रविवार को अहले सुबह राजा डेरा जंगल के समीप एक गड्ढे से बरामद की है। शव का हाथ पैर बांध कर एक बोरे में बंद कर फेंक दिया गया था। चंद्रवती की हत्या अपराधियों ने गला दबाकर व सर पर घातक प्रहार कर की है। उसके होंठ को काट डाले हैं। इसके अलावा शरीर पर लाठी डंडे से पिटाई के निशान हैं। परिवार समेत गांव के लोग एक स्वर में डायन बिसाही के आरोप में चंद्रवती का अपहरण के बाद हत्या की बात कह रहे हैं। परिजनों ने घटना को अंजाम देने वाले तीनों आरोपियों का नाम पता भी पुलिस को दिया है। अपहृत चंद्रवती का शव मिलने के बाद उसके बेटे व बेटी समेत परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। चंद्रवती के पति सीताराम महली बाहर मजदूरी करने गए हैं। पत्नी के लापता की सूचना के बाद वे गांव लौटने के लिए निकल चुके हैं। देर रात तक गांव लौटने की संभावना है।