बजट की घोषणा से पूर्व राज्य सरकार टैक्स और सेस में कर सकती है बढ़ोतरी

राज्य सरकार ने राजस्व बढ़ाने को अपने कामकाज का एक प्रमुख फोकस प्वाइंट बनाया है। वित्तीय प्रबंधन को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए कई कठोर कदम उठाने पर भी विचार कर रही है। बजट घोषणा से पूर्व राज्य सरकार द्वारा टैक्स और सेस में बढ़ोत्तरी करने की भी संभावना है। किन-किन विभागों के टैक्स और राजस्व में बढ़ोत्तरी की जा सकती है, इस पर अफसरों का एक विशेष तबका काम कर रहा है। वर्तमान में परिवहन, भू-राजस्व, मालगुजारी, खासमहाल, उत्पात शुल्क, वैट सहित विभिन्न विभागों के सेस में बढ़ोत्तरी हो सकती है। राज्य के खजाने की स्थिति बेहतर नहीं है। कई जरूरी खर्च के लिए 15 विभागों से योजना का पैसा सरेंडर कराकर द्वितीय अनुपूरक बजट में सरकार ने पैसे का इंतजाम िकया था। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के साथ-साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी राजस्व संग्रहण बढ़ाने और नए स्रोत तलाशने के लिए सभी विभागों को निर्देशित किए हुए हैं। उन्होंने अफसरों से राजस्व उगाही पर माइक्रो लेवल ऑब्जरवेशन के लिए भी कहा है। उन्होंने कई विभागों को बिजनेस मॉडल स्थापित करने का भी निर्देश दिया है। राजस्व उगाही में होनेवाली वैधानिक अड़चनों को दूर करने पर भी चल रहा विचार राज्य सरकार ने वित्तीय हालात सुधारने और विकास योजनाओं के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने और राज्य की आय में बढ़ोतरी करने के लिए एक विशेष समिति बनाई है। वित्त विभाग के विशेष सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति में खान निदेशक, वाणिज्य कर आयुक्त समेत महाधिवक्ता के प्रतिनिधि को भी शामिल किया गया है। इसके अलावा संयुक्त परिवहन आयुक्त, भू-अर्जन निदेशक और वित्त विभाग के संयुक्त सचिव भी बतौर सदस्य हैं। समिति आय में बढ़ोतरी के लिए साधन स्रोत, खनन क्षेत्र में लागू पुरानी करों में वृद्धि एवं न्यायिक मामलों में लंबित वसूली में तेजी लाने का प्रस्ताव तैयार करेगी। विशेष समिति राजस्व संग्रहण में तेजी लाने के लिए नए स्रोत तलाशेगी। समिति राजस्व उगाही के क्षेत्र में सुदृढ़ीकरण का प्रस्ताव देगी। राजस्व उगाही में होनेवाली वैधानिक अड़चनों की स्थिति में समिति विचार-विमर्श कर उसे दूर करने से संबंधी प्रस्ताव भी देगी। समिति चालू वित्तीय वर्ष में राजस्व वसूली तेज करने के लिए भी काम कर रही है। 8 महीने में 50% राशि की ही वसूली इधर, मुख्य सचिव और वित्त सचिव ने विभागों को राजस्व वसूली में तेजी लाने का निर्देश दिया है। राजस्व संग्रहण करनेवाले छह प्रमुख विभागों ने आठ माह की अवधि में (नवंबर तक) करीब 50 प्रतिशत राशि की ही वसूली की है। विभागों को हर हाल में वित्तीय वर्ष के अंत तक राजस्व लक्ष्य पूरा करने को कहा गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वाणिज्य कर,खान एवं भूतत्व, उत्पाद,परिवहन, निबंधन और भूराजस्व विभाग के लिए 49,700 करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य है। नवंबर माह तक लगभग 25, 000 करोड़ रुपए की ही वसूली हुई है। 31 अक्टूबर तक 22,297 करोड़ की वसूली हुई थी, जो 44.86 % के करीब है। इस स्थिति को देख राज्य सरकार राजस्व बढ़ाने पर और रेस हुई है। राज्य सरकार आय के नए स्रोत खोजेगी मालूम हो कि 28 नवंबर को शपथ ग्रहण के बाद अपनी पहली बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य सरकार आय के नए स्रोत खोजेगी। साथ ही, खनन क्षेत्र के टैक्स की समीक्षा भी की जाएगी। सीएम ने कहा था कि राज्य सरकार खनन क्षेत्र से होनेवाली आय का पुनः मूल्यांकन करेगी, ताकि उसे बेहतर तरीके से बढ़ाया जा सके। विकास की प्रक्रिया तेज की जाएगी। ये कदम राज्य के संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने और राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने की ओर एक बड़ा कदम हो सकता है। इधर, सीएम हेमंत सोरेन ने अपनी बैठकों में भी राजस्व संग्रहण बढ़ाने और नए स्रोत तलाशने के लिए सभी विभागों को निर्देशित किया है।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *