हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित मां बज्रेश्वरी मंदिर में जिला स्तरीय मकर सक्रांति के धृतमंडल मंडल पर्व के आयोजन को लेकर बैठक हुई। इसमें एसडीएम इशांत जसवाल की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के अधिकारियों और ट्रस्ट सदस्य शामिल हुए। बैठक में इस पर्व के आयोजन को पहले से भव्य और सफल बनाने के लिए प्रत्येक विषय पर बिंदुवार विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में घी से मक्खन बनाने, मक्खन चढ़ाने और मक्खन उतारने की प्रक्रिया को व्यवस्थित तरीके से करने और इसके मानदेय के विषय पर चर्चा की गई। इस पर्व के दौरान बैठक में मां बज्रेश्वरी मंदिर की पत्रिका निकालने का फसला लिया गया। मंदिर की सजावट और रोशनी करण भव्य और मनमोहक हो बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई। मकर संक्रांति पर्व के मौके पर दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मंदिर अधिकारी नीलम ने बताया कि इसमें स्थानीय कलाकारों को मौका दिया जाएगा। 14 जनवरी को मंदिर के प्रांगण में माता का जागरण आयोजित किया जाएगा। एक सप्ताह तक चलेगा मकर संक्रान्ति पर्व
जबकि 15 जनवरी के दिन नगर परिषद मैदान में मां बज्रेश्वरी का भव्य जागरण और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। मंदिर में लंगर, सफाई व्यवस्था और सजावट करने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।नगर परिषद मैदान में झूले और अस्थाई दुकानें प्रक्रिया के तहत लगाई जा सकेंगी। मकर संक्रान्ति पर्व कांगड़ा मंदिर में एक सप्ताह तक चलता हैं। किदबंती अनुसार माता बृजेशबरी राक्षस जालंधर से युद्ध करते हुए घायल हो गई थी। उनके शरीर पर लगे घाव पर देसी घी को शुद्ध पानी से एक सौ एक बार धोकर तैयार माखन से लेप किया गया था। तभी से ये परम्परा जारी हैं। मंदिर के वरिष्ठ पुजारी राम प्रसाद शर्मा ने बताया कि पहले एक या दो तीन देसी घी ही पुजारी वर्ग इकट्ठा कर परम्परा का निर्वहन करता था। लेकिन अब तो दानी सज्जनों के सहयोग से दो से तीन कविंटल देसी घी से माखन तैयार कर घृत मंडल सजाया जाता है। शर्मा ने बताया एक सप्ताह बाद पिंडी से उतारा माखन चर्म रोग, आंखों के काजल से रोशनी, और जोड़ों के दर्द के लिए बहुत ही उपयोगी होता है।


