बठिंडा का गांव बिकाऊ है, पोस्टर विवाद गर्माया:तस्करों ने पूर्व-सैनिक पीटा, गांव वालों ने उठाया कदम; एसएचओ ने फोन कर दी धमकी

पंजाब के बठिंडा जिले के भाई बख्तौर गांव में नशा तस्करों की बर्बरता से आहत ग्रामीणों ने गांव के बाहर बोर्ड टांग दिया- “साड्डा पिंड बिकाऊ है” (हमारा गांव बिकाऊ है)। रविवार से शुरू हुआ ये विवाद अब और गर्माता जा रहा है। गांव बिकाऊ का पोस्टर लगाने वाले लक्की ने एक वीडियो डाल आरोप लगाया कि एसएचओ कोटफत्ता की तरफ से उसे धमकाया गया। हालांकि रात ही पुलिस की एक टीम गांव पहुंची और लक्की से मुलाकात कर कार्रवाई का वादा किया गया। ये पूरी घटना उस समय उभरी है, जब पूरे पंजाब में राज्य सरकार युद्ध नशेयां विरुद्ध मुहीम चल रही है। रविवार को स्थानीय लोगों ने गांव के बाहर पोस्टर लगा दिया, जिस पर लिखा था साड्‌डा पिंड बिकाऊ है। दरअसल, गांव वालों का आरोप है कि पूर्व फौजी रणबीर सिंह पर दो कथित नशा तस्करों—कुलदीप सिंह और गुरप्रीत सिंह—ने बेरहमी से हमला कर दिया। रणबीर सिंह युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित कर नशे से दूर रहने की सलाह दिया करते थे। यही बात कथित नशा तस्करों को नागवार गुजरी। पुलिस का कहना है कि इस पर कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया। पूर्व फौजी रणबीर सिंह का अस्पताल में इलाज चल रहा है। लेकिन गांव वाले कार्रवाई से संतुष्ट ना दिखे और आरोप लगाया कि गांव के लोग तस्करों से सुरक्षित नहीं हैं। लक्की ने वीडियो डाली लगाया एसएचओ पर आरोप इसी बीच सोमवार गांव के ही लक्की नाम के युवक ने सोशल मीडिया पर नया वीडियो डाल दिया। उसने आरोप लगया कि एसएचओ उसे एनकाउंटर करने की धमकियां दे रहा है। ये एसएचओ कोटफ्तता का है। फोन कर उसे कहा गया कि पोस्टर लगा तुम हीरो बन रहे हो, देख लेंगे। अंत में लक्की ने अपनी छोटी बच्ची को गोद में उठा वीडियो डालते हुए कहा कि वह नहीं डरता और सच के साथ खड़ा है और पुलिस तस्करों का साथ दे रही है। एसएसपी के आदेशों पर रात गांव पहुंची पुलिस बठिंडा के एसएसपी अमनीत कोंडल के आदेशों पर एक टीम रात ही गांव भाई बख्तौर में भेजी गई। जिसमें एसएचओ आनंदगढ़ संदीप सिंह पहुंचे और विश्वास दिलाया गया कि आगे से किसी गांव वाले के साथ ऐसा नहीं होगा। एसएसपी अमनीत कोंडल ने भी फोन पर लक्की से बात की और कार्रवाई का आश्वासन दिया गया। विरोधी पार्टियों के निशाने पर आप
भाजपा पंजाब के मीडिया प्रभारी विनीत जोशी ने कहा कि 1 जून को ही राज्य के अलग-अलग जिलों—देहड़का (लुधियाना), रोड़ीकपुरा (फरीदकोट) और सेनिया (फाजिल्का)—में तीन लोगों की ड्रग ओवरडोज से मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि “यह स्थिति पंजाब में कथित ‘ड्रग्स के खिलाफ युद्ध’ की सच्चाई को उजागर करती है। आप सरकार की 31 मई की ड्रग-फ्री पंजाब की समयसीमा पूरी तरह से विफल रही है। ‘साड्डा पिंड बिकाऊ है’ कोई राजनीतिक नारा नहीं, बल्कि ग्रामीणों की पीड़ा की पुकार है।”

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