पंजाब के बरनाला जिले में बीकेयू डकौंडा के प्रदेश अध्यक्ष बूटा सिंह बुर्जगिल ने पंजाब सरकार को खुली चुनौती दी है। बरनाला के एक गांव में उन्होंने कहा कि किसान 5 मार्च को हर हाल में चंडीगढ़ पहुंचेंगे। बुर्जगिल ने कहा कि पंजाब सरकार पूरी तरह से असफल हो चुकी है। सीएम भगवंत मान घबराहट में बैठक छोड़कर चले गए। पुलिस ने रात में किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी की। बलवीर सिंह राजेवाल समेत कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया है। ड्रग तस्करों की भांति ली किसानों के घरों की तलाशी उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने किसानों के घरों की तलाशी ड्रग तस्करों जैसी ली। फाजिल्का और अमृतसर से किसान चंडीगढ़ की ओर कूच कर चुके हैं। 5 मार्च को सुबह 10 बजे पूरे पंजाब से किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ सड़कों पर उतरेंगे। सीएम मान किसानों की मांगों को केंद्र से जोड़ रहे हैं, जबकि एक को छोड़कर सभी मांगें राज्य सरकार की हैं। मार्च 2023 में मान ने 12 मांगों को मानने का वादा किया था, दो साल बीत जाने के बाद भी कोई मांग पूरी नहीं हुई है। पहले भी नेताओं से हुई बैठकें, ऐसा नहीं हुआ उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने बासमती, मक्का, मटर, आलू और गोभी की फसलों के लिए एमएसपी की मांग की है। किसानों के ऋण के महत्वपूर्ण मुद्दे पर सरकार के साथ चर्चा की गई। इसके अन्य मांगें भी पंजाब सरकार से संबंधित रहीं, लेकिन मांगों को देखकर मुख्यमंत्री घबराकर बैठक से भाग गए। प्रकाश सिंह बादल, कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी के साथ भी बैठकें हुईं, लेकिन उन्होंने बौखलाकर कभी बैठक नहीं छोड़ी। रेल लाइनें जाम करने का लगा रहे आरोप भगवंत मान बौखलाहट आने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री किसानों पर सड़कें और रेल लाइनें जाम करने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि संयुक्त किसान मोर्चा ने सड़कें और रेल लाइनें जाम करने की कोई घोषणा नहीं की है। मुख्यमंत्री जनता को गुमराह कर रहे हैं। 28 फरवरी को एसकेएम ने एक लिखित पत्र भेजकर खाली पड़े 34वें सेक्टर में विरोध प्रदर्शन की अनुमति मांगी। मुख्यमंत्री किसान नेताओं को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली में संघर्ष, कोई माहौल नहीं बिगड़ा उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी खुद धरनों से बाहर आई है, लेकिन इस पार्टी के नेताओं को इतनी सख्ती शोभा नहीं देती। बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि किसान एक साल से अधिक समय से दिल्ली में संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन कोई माहौल नहीं बिगड़ा और न ही किसी को कोई नुकसान हुआ है। सीएम अधिकारियों को धमका रहे तहसीलदारों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत का संविधान सभी को अपनी मांगों के लिए हड़ताल करने और संघर्ष करने की अनुमति देता है, लेकिन मुख्यमंत्री घबराकर राजस्व विभाग के अधिकारियों को धमका रहे हैं, जो निंदनीय कृत्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को माहौल बिगाड़ने की बजाय बातचीत की ओर बढ़ना चाहिए। किसान सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं।