बस्तर में भारी बारिश-बिजली गिरने का अलर्ट:रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर में गरज-चमक के साथ पड़ेगी बौछारें; बलरामपुर में अब तक सबसे ज्यादा पानी बरसा

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो गया है। रायपुर, राजनांदगांव, कांकेर समेत कई जिलों में तेज बारिश हुई। आज रविवार को मौसम विभाग ने बस्तर संभाग के जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। वहीं रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग संभाग के जिलों में बिजली गिरने, बादल गरजने को लेकर अलर्ट है। पिछले 24 घंटे में छत्तीसगढ़ के सभी संभागों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को दुर्ग में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 33.8°C और न्यूनतम 20.6°C दर्ज हुआ। बता दें कि 1 जून से अब तक बलरामपुर जिले में सबसे ज्यादा 1141.3 मिमी बारिश दर्ज हुई है। पिछले 24 घंटे में हुई बारिश 18 अगस्त को बनेगा नया सिस्टम मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य हिस्से में 18 अगस्त के आसपास नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनेगा। इससे छत्तीसगढ़ और आसपास के राज्यों में बारिश और तेज होगी। मौसम विभाग की चेतावनी 1 जून से अब तक 732.2 मिमी बरसा पानी 1 जून से अब तक प्रदेश में 732.2 मिमी औसत बारिश हो चुकी है। बलरामपुर में सबसे ज्यादा 1141.3 मिमी बारिश हुई है। बेमेतरा में सबसे कम 364.1 मिमी बारिश हुई है। जून से जुलाई के बीच 623.1 MM मिलीमीटर बारिश प्रदेश में 1 जून से 30 जुलाई तक कुल 623.1 MM मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने 558MM के करीब बारिश का अनुमान लगाया था। यानी अनुमान से 12 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई है। वहीं सिर्फ जुलाई महीने की बात करें तो कुल 453.5 मिमी बारिश हुई है। पिछले 10 सालों में सिर्फ 2 बार ही जुलाई में बारिश का आंकड़ा 400MM पार हुआ है। 2023 में जुलाई माह में प्रदेश में सबसे ज्यादा 566.8MM पानी बरसा था। इससे पहले 2016 में 463.3MM पानी गिरा था जानिए इसलिए गिरती है बिजली दरअसल, आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके। अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढ़िया कंडक्टर का काम करता है। जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ। आकाशीय बिजली से जुड़े कुछ तथ्य जो आपके लिए जानना जरूरी आकाशीय बिजली से जुड़े मिथ

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