बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की तलाश में पुलिस:राज्य के पहले जिले का नाम नहीं बताने पर युवक को हवालात में किया बंद, जबरन परेशान करने का आरोप

“पुलिस के लोग शनिवार सुबह करीब आठ बजे मेरे घर पर आए। उन्होंने मुझसे मेरे डॉक्यूमेंट मांगे। मैंने उन्हें अपना आधार कार्ड और पहली से दसवीं तक की मार्कशीट दिखाई। इसके बाद पुलिस के लोगों ने मुझसे सवाल किया कि छत्तीसगढ़ में कितने जिले हैं ? मैंने जवाब दिया – 28 जिले हैं। उन्होंने अगला सवाल पूछा, छत्तीसगढ़ का पहला जिला कौन सा है ? मैं जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद मुझे जबरन पुलिस की गाड़ी में बैठा लिया गया। बिना किसी कारण हवालात में 18 घंटे तक बंद करके रखा किया।” छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले उमरान (बदला हुआ नाम) ये सब कुछ बताते हुए दैनिक भास्कर के रिपोर्टर से कहते हैं कि मेरा चेहरा कैमरे पर मत दिखाइएगा, नहीं तो पुलिस मुझे फिर से उठा लेगी।उमरान केवल बानगी है। इस क्षेत्र में कई ऐसे मुस्लिम है जो अभी डरे हुए हैं। इनका कहना है कि ये सभी लंबे वक्त से छत्तीसगढ़ में रह रहे हैं। लेकिन इन्हें रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी बताकर पुलिस परेशान कर रही है। जांच के नाम पर इन्हें कभी भी घर से उठा लिया जा रहा है। हालांकि पुलिस को दो दिनों की अपनी में जांच अब तक एक भी रोहिंग्या और बांग्लादेशी नहीं मिला है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने पिछले दिनों अपने एक बयान में पहचान छुपाकर छत्तीसगढ़ में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमान और बांग्लादेशी लोगों पर कार्रवाई की बात कही थी। इसके बाद से ही दुर्ग पुलिस बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रही है। शनिवार को एक ऐसा ही सर्च ऑपरेशन दुर्ग के हथखोज क्षेत्र में चलाया गया था। दैनिक भास्कर की टीम ने ग्राउंड पर जब पूरे मामले की पड़ताल के लिए पहुंची तो लोगों ने आरोप लगाया कि दुर्ग पुलिस जांच के नाम पर भारतीय मुसलमानों और निर्दोष लोगों को भी परेशान कर रही है। वेरिफिकेशन दोपहर दो बजे हो गया, लेकिन पुलिस ने रात दो बजे छोड़ा हथखोज में रह रहे मोहम्मद इरफान(बदला हुआ नाम) ने बताया कि डेढ़ महीने पहले वो वेस्ट बंगाल से छत्तीसगढ़ काम की तलाश में आए थे। शनिवार सुबह आठ बजे हमे घरों से उठा ले गई। आधार कार्ड वैरिफिकेशन दो बजे तक पूरा हो गया था। लेकिन पुलिस ने भूखे-प्यासे उनके जैसे कई लोगों को रात दो बजे तक थाने में ही बैठाए रखा। प्रशासन का ये रवैया ठीक नहीं है। दो दिनों से चल रहा है सर्च ऑपरेशन दुर्ग पुलिस पिछले दो दिन से सर्च ऑपरेशन चला रही है। इस दौरान सैकड़ों की घरों की तलाशी लेकर 522 लोगों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। भिलाई तीन थाना प्रभारी महेश ध्रुव और भिलाई नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा का कहना है कि उन्होंने मुसाफिरों की जांच की है। उनका आधार और यहां रहने से जुड़े दस्तावेज चेक किए। अब तक एक भी रोहिंग्या और बांग्लादेशी नहीं मिला है। आधार कार्ड है, लेकिन पता नहीं पता पाए भास्कर की टीम ने जब हथखोज इंडस्ट्रियल एरिया में किराये से रह रहे लोगों से बात की सभी ने अपना आधार दिखाया, लेकिन वो जिस राज्य के रहवासी थी वहां की लोकल भाषा नहीं बोल पाए। साथ ही आधार में लिखा अपना पूरा पता भी नहीं बता पाए। शिवा वीरेंद्र राजभर से इसी तरह जब बात की गई तो उसने बताया कि नालासुपारा थाणे महाराष्ट्र का रहने वाला है। जब उससे पूछा गया कि उसे मराठी नहीं आती तो वो उसका जवाब नहीं दे पाया। इतना ही नहीं उसने आधार पर लिखा अपने घर का पूरा पता भी सही नहीं बताया। यह कहता रहा कि आधार में लिखा है पढ़ लो। पुलिस की जांच के बाद कई शहर छोड़कर भागे हथखोज इंडस्ट्रियल एरिया में जाकर जब लोगों से बात की गई तो कोई कुछ बताने के लिए तैयार नहीं था। जब उनकी बात रखने का आश्वासन दिया गया तो उन्होंने कुछ बताया। इस दौरान उन्होंने यह बताया कि पुलिस ने कई लोगों को यहां तुरंत जाने के लिए कहा और वो लोग रूम छोड़कर चले गए हैं। शनिवार को सुबह से चला सर्च ऑपरेशन शनिवार को दुर्ग पुलिस के आला अधिकारियों से लेकर कई थानों के टीआई अपने बल के साथ सर्चिंग अभियान में निकले थे। उन्होंने फेरी लगाने वाले, अस्थाई डेरा, झुग्गी बस्ती, श्रमिक बस्तियां, रेल्वे स्टेशन, बस स्टैंड, ट्रांसपोर्ट नगर हथखोज क्षेत्र में, सेक्टर एरिया एवं अन्य चिन्हान्कित जगहों पर सर्च किया। इस दौरान लोगों से उनका आधार कार्ड, राशन कार्ड, परिचय पत्र लेकर चेक किया गया और उसका क्रॉस वैरिफिकेशन किया गया। जो लोग अन्य प्रदेश या क्षेत्र के थे, लेकिन पुलिस को सूचना नहीं दिए थे, साथ ही पूछताछ में संतोषजनक जवाब नहीं दिए उनके खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है। दुर्ग पुलिस ने जारी की अपील दुर्ग पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि उनके यहां जो भी किराएदार निवास कर रहे हैं, उनका पूर्ण विवरण मय दस्तावेजों के साथ अपने नजदीकी थाना/चौकी में अनिवार्य रूप से सूचित करें। यदि किराएदार की जानकारी नहीं दी जाती है और जांच में यह पाया जाता है कि किराएदार के पास उसके प्रमाणीकरण हेतु कोई आवश्यक दस्तावेज नहीं है, तो किराएदार के साथ-साथ मकान मालिकों के विरूद्ध भी विधि सम्मत कार्यवाही की जाएगी। ———————————————————– इससे संबंधित ये खबर भी पढ़िए… रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश भगाने की तैयारी:दुर्ग पुलिस का 200 घरों में सर्च ऑपरेशन, 20 संदिग्ध पकड़े गए; बस में भरकर ले गई छत्तीसगढ़ में घुसपैठ कर आए बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों को भगाने की तैयारी है। दुर्ग जिले में शुक्रवार को 200 घरों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जहां से 20 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस सभी को बस में भरकर थाने ले गई, जहां पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया है। मामला भिलाई हथखोज इंडस्ट्रियल एरिया का है।पढ़िए पूरी खबर…

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