सामर बाबा मंदिर में सात फेरे लेने की तैयारी थी कि मौके पर पुलिस और महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम पहुंच गई। मामला बाल विवाह को लेकर था। प्रशासन ने सख्ती के साथ सात फेरे होने से रूकवाए। बाल विवाह के नुकसान से अवगत कराया। इस तरह विवाह कार्यक्रम निरस्त कराया गया। मामला छैगांवमाखन परियोजना क्षेत्र के ग्राम लखनगांव के जंगल में स्थित सामर बाबा मंदिर का है। प्रशासन को चाइल्ड लाइन के माध्यम से बाल विवाह संबंधी शिकायत मिली। ग्राम बांगरदा का लड़का व ग्राम जिनवानिया की लड़की का विवाह होने जा रहा था। लड़की की उम्र 18 साल से कम बताई गई। परियोजन अधिकारी ने पुलिस और स्थानीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को सूचना दी। इसके बाद पूरी टीम सामर बाबा मंदिर पहुंची। सीडीपीओ नंदराम चौहान ने बताया कि बाल विवाह संबंधी शिकायत सही पाई गई। जांच के दौरान दस्तावेज में लड़की की उम्र 18 साल से कम थी। टीम द्वारा विवाह को रूकवाया गया। दोनों के परिजन को बाल विवाह से संबंधित दुष्परिणाम व कानूनी कार्रवाई से अवगत कराया गया। बताया कि विवाह में शामिल पंडित, बाराती, बेंडवाले, हलवाई, टेंट वाले सहित मेहमान भी आरोपी बनाए जा सकते हैं। इसके लिए सजा व जुर्माने का प्रावधान हैं। विवाह निरस्त करने की लिखित सहमति दी समझाइश देने के बाद दोनों परिवार के सदस्यों ने विवाह कार्यक्रम को रद्द किया। लड़की की उम्र 18 साल पूर्ण होने पर ही विवाह किए जाने की लिखित सहमति दी। कार्रवाई के दौरान सेक्टर पर्यवेक्षक कांता कांचले, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका व थाना जावर से पुलिस टीम मौजूद थी।