बालाघाट जिले में राशन दुकानों का संचालन कर रही स्वसहायता समूह की महिलाओं ने वेतन में गड़बड़ी, कमीशन में कमी और भुगतान में देरी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। मंगलवार को उन्होंने अपनी समस्याओं के समाधान के लिए विधायक, कलेक्टर और जिला सप्लाई अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ये स्वसहायता समूह ग्रामीण और वन समिति क्षेत्रों में लगभग 200 से अधिक राशन दुकानों का संचालन कर रहे हैं, जहां सहकारी समितियां सेवाएं नहीं दे पा रही हैं। इन दुकानों के माध्यम से हितग्राहियों को राशन वितरित किया जाता है। महिलाओं का कहना है कि पहले उन्हें प्रति माह 10,500 रुपए कमीशन मिलता था, जिसे अब घटाकर 8,500 रुपए कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, उन्हें यह भुगतान भी समय पर नहीं मिल रहा है, जिससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है। राशन दुकानों पर तौलक की कमी अन्य समस्याओं में तौलक की कमी शामिल है, जिसके कारण विक्रेताओं को स्वयं राशन तौलना पड़ता है। खाद्यान्न की लोडिंग और अनलोडिंग के दौरान भी राशन की खपत कम हो जाती है, जिससे भौतिक सत्यापन में कमी आती है और हितग्राहियों को उनकी संख्या के अनुसार पूरा राशन नहीं मिल पाता है। जिला विक्रेता संघ के उपाध्यक्ष जयसिंह नगपुरे ने बताया कि राशन दुकान संचालन में महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने समान काम के लिए समान वेतन की मांग की, क्योंकि कुछ विक्रेताओं को 18,500 रुपए जबकि अन्य को केवल 8,500 रुपए दिए जा रहे हैं।


