रणथंभौर टाइगर रिजर्व की बालेर रेंज के पेरीफेरी वाले गांवों व खेतों में हिंसक वन्यजीवों की लगातार आवाजाही से ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। बालेर क्षेत्र में विगत कई दिनों से भालू का मूवमेंट देखा जा रहा है। इसके बावजूद अब तक वन विभाग की ओर से भालू को पकड़ने के उद्देश्य से कोई पिंजरा नहीं लगाया गया है, जिससे स्थानीय लोगों में नाराजगी है। खेती करने में हो रही है परेशानी ग्रामीणों का कहना है कि बालेर कस्बे में आए दिन भालू की मौजूदगी देखी जा रही है। ऐसे में कभी भी कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। वहीं, इन दिनों खेतों में लेपर्ड का लगातार मूवमेंट भी बना हुआ है, जिससे किसानों में भय व्याप्त है। फसलों की रखवाली के लिए खेतों में जाने से लोग कतराने लगे हैं। कस्बे सहित आसपास के गांवों में बड़ी घटना की आशंका बनी हुई है, लेकिन वन विभाग की सक्रियता नजर नहीं आ रही। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग मामले में लापरवाही बरत रहा है, जिससे जनहानि का खतरा बढ़ता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व बालेर रेंज में कूनो नेशनल पार्क, श्योपुर (मध्यप्रदेश) से एक चीता पहुंच गया था, जिसे वन विभाग ने ट्रेंकुलाइज कर पुनः मध्यप्रदेश भिजवाया था। ऐसे में ग्रामीणों ने मांग की है कि भालू व लेपर्ड के मूवमेंट को देखते हुए तत्काल प्रभाव से पिंजरे लगाए जाएं और निगरानी बढ़ाई जाए, ताकि किसी भी संभावित हादसे को रोका जा सके।


