भास्कर न्यूज| बालोद युक्तियुक्तकरण के तहत जिले के 42 सरकारी स्कूलों का समायोजन (मर्ज) किया जाएगा। इसके बाद अब उनकी संख्या 312 हो जाएगी। इसके चलते जिले के लगभग 770 शिक्षक प्रभावित होंगे। नवीन पदस्थापना के लिए 2 जून को जिला मुख्यालय में काउंसिलिंग होगी। एक ओर विभाग, शासन स्तर से युक्तियुक्तिकरण को लेकर प्रक्रियाएं चल रही हैं। वहीं दूसरी ओर शिक्षक संगठन की ओर से विरोध प्रदर्शन का सिलसिला भी चल रहा है। 28 मई को रायपुर में प्रदेशस्तरीय आंदोलन करने के बाद 31 को दोबारा उसी स्थान पर आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है। वहीं एक जून को दुर्ग संभाग के लोग रायपुर में आंदोलन करने का निर्णय लिए हैं। युक्तियुक्तकरण के दायरे में शिक्षा विभाग के 284 और ट्राइबल (आदिम जाति कल्याण) विभाग के 69 स्कूल आ रहे हैं। जिसका समायोजन किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अनुसार नया सत्र शुरू होने के पहले जून के दूसरे सप्ताह तक शिक्षकों की काउंसिलिंग और पदस्थापना स्थल तय हो जाएगी। शिक्षा विभाग के परियोजना अधिकारी नोडल अफसर डीपी कोसरे ने बताया कि जिले में कुल 354 स्कूलों को 312 स्कूलों में समायोजन किया जा रहा है। कोई भी स्कूल बंद नहीं हो रहा है। पहले की तरह कक्षाएं संचालित होंगी। सिर्फ वित्तीय प्रबंधन का अधिकार दूसरे को दिया जाएगा। जैसे अब तक एक ही परिसर में प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल संचालित हो रही हैं, वहां का मुखिया मीडिल स्कूल का एचएम रहेगा। वहीं जैसे एक ही परिसर में कक्षा 1 से 12वीं तक की पढ़ाई के लिए वहां का मुखिया प्राचार्य रहेगा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष चंद्रेश हिरवानी ने कहा कि राज्य सरकार युक्तियुक्तकरण से जिला सहित प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना चाहती है। युक्तियुक्तकरण से पहले यह चर्चा थी कि 4 हजार स्कूल बंद होंगे लेकिन राज्य सरकार के आदेश में 10 हजार 643 स्कूल बंद होने वाले हैं। बालोद जिले में भी 354 स्कूल बंद करने की प्लानिंग है। जिला की शिक्षा व्यवस्था पहले प्रदेश में तीसरे स्थान पर थी पर भाजपा सरकार के 16 महीने में 29वें स्थान पर पहुंच गई है। स्कूलों के सेटअप में भी बदलाव करना चाह रहे हैं। शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि जब स्कूलों में शिक्षक कम होंगे तो शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ेगी या घटेगी? अभी तो केवल शिक्षक युक्तियुक्तकरण का विरोध करने सड़क पर उतरे हैं स्कूल खुलने दीजिए फिर देखना जब पालकों व गांववालों को पता चलेगा कि उनके गांव के स्कूल बंद कर दिए गए और शिक्षक भी हटा दिए गए तो यह जनाक्रोश बनेगा। शिक्षकों के पद प्राथमिक, मिडिल व हायर सेकेंडरी सभी स्कूलों में किया जा रहा है जो कि सरकारी स्कूल के गरीब बच्चों के साथ आरटीई का उल्लंघन है। सर्व शिक्षक साझा मंच के प्रांतीय उपसंचालक और शालेय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा ने बताया कि जिले के कुल 666 सरकारी स्कूल युक्तियुक्तकरण से प्रभावित होंगे। युक्तियुक्तकरण केवल शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शालाओं में शिक्षक प्रतिपूर्ति तक हो, इसका हम समर्थन करते हैं लेकिन शिक्षाविभाग के 2008 सेटअप से छेड़छाड़ कर युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों से शिक्षकों को जबरदस्ती कम करने का कड़ा विरोध करते हैं। पांच कक्षा और 60 बच्चों के लिए केवल 1 प्रधानपाठक और 1 शिक्षक के रखने से शासकीय प्राथमिक शालाएं दार-भात सेंटर बन कर रह जाएगा। प्रदेश सरकार कहती है कोई स्कूल बंद नही कर रहे पर तत्काल 10663 स्कूल के वित्तीय अधिकार और राशि बंद कर दी गई है। इनका उद्देश्य स्पष्ट है।