बालोद में ईसाई समाज ने कब्रिस्तान के लिए मांगी जमीन:हिंदू संगठनों ने कहा–लालच देकर कराया जा रहा धर्मांतरण,आक्रोश रैली निकाल SDM को सौंपा ज्ञापन

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में धर्मांतरण को लेकर तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को हीरापुर से बालोद तक हिंदू संगठनों ने पदयात्रा निकाली और ईसाई समुदाय की कब्रिस्तान के लिए जमीन मांगने का विरोध किया। रैली के बाद प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा और प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की। दरअसल, पिछले महीने हीरापुर गांव में एक ईसाई बने व्यक्ति की मृत्यु के बाद विवाद खड़ा हो गया था। मृतक का अंतिम संस्कार गांव में ही करने को लेकर मतभेद हुए। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हस्तक्षेप कर मृतक के परिजनों का शुद्धिकरण गंगा जल से कराकर अंतिम संस्कार की अनुमति दिलवाई। इसके बाद गांव में रह रहे 5–6 ईसाई परिवारों ने कलेक्टर से गांव में ईसाई समुदाय के लिए अलग कब्रिस्तान की मांग कर दी। इसी मांग को लेकर मंगलवार को हीरापुर गांव बंद रहा। सैकड़ों ग्रामीणों ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेतृत्व में बालोद तक आक्रोश रैली निकाली। लालच देकर कराया जा रहा धर्म परिवर्तन – विहिप विहिप नेता बलराम गुप्ता और राज सोनी ने कहा कि गांव-गांव में ईसाई मिशनरियों के द्वारा ग्रामीणों को प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। यह हमारे धर्म और संस्कृति पर सीधा हमला है। ग्रामीणों को तरह-तरह का लालच देकर ईसाई बनाया जा रहा है। हिंदू समाज अब चुप नहीं बैठेगा – बजरंग दल बजरंग दल के सतीश विश्वकर्मा और मोनू सोनवानी ने कहा कि जो भी लोग भोलेभाले ग्रामीणों को बरगला रहे हैं। उनके खिलाफ अब हिंदू समाज मुखर हो रहा है। सरकार को चाहिए कि ऐसे मामलों में जल्द और कड़ी कार्रवाई करे। धर्म बदला तो जाति भी बदलो – कृतिका साहू पूर्व जिला पंचायत सदस्य कृतिका साहू ने इस मुद्दे पर कहा कि जिन लोगों ने धर्म बदल लिया है वे अब भी सरकारी कागजों में हिंदू जाति ही लिख रहे हैं। अगर वे वास्तव में ईसाई बन चुके हैं तो उन्हें अपनी जाति भी बदलनी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि ऐसे लोगों को D-लिस्टिंग में लाकर आरक्षण लाभ से वंचित किया जाए।

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