भास्कर न्यूज | जालंधर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने बिजली बोर्ड के निजीकरण का विरोध किया है। सदस्यों ने पीएम, सीएम और पावरकॉम के सीएमडी के नाम प्रशासनिक अधिकारियों को मांग पत्र देते हुए कहा कि बिजली बोर्ड का निजीकरण करने के लिए संसद के आगामी सत्र में पास करवाने की तैयारी की जा रही है। हर हाल में इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के जिला प्रधान सलविंदर सिंह जानिया ने कहा कि बिजली का निजीकरण होने के बाद मुलाजिमों व उपभोक्ताओं के घरों के बाहर चिप वाले स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिसका पहले भी विरोध होता रहा है। इसे लेकर 14 जुलाई को जिले के सभी पावरकॉम के चीफ एसई के दफ्तरों के आगे धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। जानिया ने कहा कि बिजली एक्ट 2003 रद्द कर बिजली बोर्ड को पहले की तरह बहाल किया जाए। इसके साथ ही खेती मोटरों की बिजली सप्लाई बंद रहने की सूरत में किसानों को अगले दिन उसकी सप्लाई दी जाए। खेती मोटरों को हर रोज 16 घंटे व घरेलू सप्लाई 24 घंटे बिना किसी रुकावट के दी जाए। खेतों में लगे ट्रांसफार्मर अगर खराब हो जाएं तो 24 घंटे के अंदर ठीक किए जाएं।