लखनऊ में शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई है। यह खेप डीसीएम में लोहे के पाइप के नीचे छिपाकर पंजाब से बिहार ले जाई जा रही थी। डीसीएम को तस्करों ने लखनऊ के ही एक व्यक्ति से रेंट एग्रीमेंट कराकर हड़प लिया था। खेप के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार हुए हैं। गोसाईंगंज थाना पुलिस ने बताया है कि कुल 14484 बोतल में 4961 लीटर शराब जब्त हुई है। पुलिस को सूचना मिली थी कि एक डीसीएम वाहन (UP23BT0307) में अवैध अंग्रेजी शराब ले जाई जा रही है। टाटा मोटर्स के सामने कबीरपुर में खड़ी गाड़ी को पुलिस ने पकड़ा। डीसीएम से शराब की खेप ले जा रहे दोनों लोगों ने अपना नाम दिनेश परमार (ड्राइवर) और जगदीश (क्लीनर) बताया। दोनों उज्जैन के थाना खांचरोद चापानेर के रहने वाले हैं। शराब की खेप की 3 तस्वीरें… हिमाचल प्रदेश में बनी है शराब आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वाहन में लोहे के पाइप लदे हैं। उन्होंने आरके इंटरप्राइजेज दिल्ली से जारी 10 टन लोहे के पाइप का बिल भी दिखाया। बिल असम के विपिन इंटरप्राइजेज के नाम पर था। पुलिस जांच में पता चला कि डीसीएम के ऊपर 20 फुट लंबी 120 पाइप रखे थे। नीचे 1.5 फुट लंबे वेल्डेड पाइप के अंदर अंग्रेजी शराब छिपाई गई थी। यह शराब हिमाचल प्रदेश में निर्मित और केवल चंडीगढ़ में बिक्री के लिए वैध थी। तस्कर इसे बिहार में बेचने ले जा रहे थे। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि वाहन मालिक ने गाड़ी रोहतास नाम के व्यक्ति को पंजाब में चलाने के लिए दी थी। रोहतास ने न तो गाड़ी का पैसा दिया और न ही वाहन वापस किया। इस संबंध में पहले से आईजीआरएस शिकायत दर्ज है। बिहार में तिगुना रेट पर बेचते हैं दोनों ने बताया कि गाड़ी में फर्जी नंबर प्लेट लगाकर कूटरचित आरसी तैयार कर लेते हैं और उसको असली के रूप में प्रयोग करते हैं। इस बात की जानकारी हम लोगों के अलावा जो माल भेजता है उसे भी रहती है। माल भेजने वाले का नाम पता हम लोग नहीं जानते हैं। बिहार राज्य में शराबबंदी का कानून लागू है जहां पर हम लोग शराब की बोतलों से MRP से तीन गुना अधिक रेट में बेचते हैं जिससे ये शराब बिहार में करीब 1 करोड़ की बिकती है। शराब को बिहार प्रांत में कहां पर उतारना है, इसके लिए हम लोग माल भेजने वाले और खरीदने वाले से सिग्नल मोबाइल ऐप के माध्यम से बातचीत करते हैं। लखनऊ से हड़पा था डीसीएम बरामद डीसीएम शारदानगर मंदिर, रत्नाकरखंड लखनऊ निवासी विनय कुमार मिश्रा का है। इसे रोहतास पुत्र देवीलाल निवासी संगरूर पंजाब ने चालीस हजार रुपए रेंट पर एग्रीमेंट पर लिया था। वह पंजाब में चलाने के लिए ले गया था। कुछ महीने तक तो रेंट दिया लेकिन अक्टूबर 2024 से पैसा भेजना बंद कर दिया। उसके बाद डीसीएम मालिक विनय मिश्रा ने IGRS के माध्यम से शिकायत दर्ज कराई और कोर्ट में भी मामला पंजीकृत करवाया। इन रूटों से होकर गुजरता था डीसीएम डीसीएम चंडीगढ़ से अंबाला, हाथरस, आगरा एक्सप्रेस-वे होते हुए लखनऊ आया। यहां से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे होते हुए बिहार ले जाने की प्लानिंग थी। यह जगह-जगह पर होटल या ढाबे पर रुककर सिग्नल मोबाइल ऐप के माध्यम से मालिक के संपर्क में रहते हैं। लोहे के 10 टन पाइप की बिलिंग कराई डीसीपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि बिलिंग R.K. Enterprises (दिल्ली) से बिपिन एंटरप्राइजेज (असम) के नाम से हुई थी। बिल पर 10.60 टन लोहे के सीमलेस पाइप का उल्लेख था। इनवायस नंबर 1/2025 और तारीख 15 जुलाई 2025 अंकित थी। वास्तविक डिलीवरी व खरीदार की जानकारी का पता नहीं चला है। पुलिस की टीम इसके बारे में पता कर रही हैं। हर राज्य में बदल देते है नंबर प्लेट पकड़े गए तस्कर किसी भी राज्य में प्रवेश करते ही डीसीएम की नंबर प्लेट को बदल लेते थे। इतना ही नहीं, इसी के साथ कूटरचित दस्तावेजों के जरिए बदले गए गाड़ी नंबर की आरसी भी तैयार कर लेते थे। इस बात की जानकारी ट्रांसपोर्ट करने वाले के अलावा जो माल भेजता है उसे भी रहती है। लेकिन, तस्करी करने वाले माल भेजने वाले का नाम दोनों नहीं जानते हैं। क्या है सिग्नल एप, जिस पर चल रहा काला कारोबार सिग्नल एप एक सुरक्षित एप है जो वॉट्सऐप की तरह ही है। इसमें किसी दूसरे सिग्नल एप यूजर को मैसेज भेज सकते हैं और चैट कर सकते हैं। साथ ही ग्रुप भी बना सकते हैं। इसकी खासियत है कि यूजर का डाटा क्लाउड सर्वर में स्टोर नहीं होता है। इसमें वीडियो और वाइस कॉल भी कर सकते हैं। यूजर्स की बातचीत सुरक्षित रहती है। सिग्नल को दुनियाभर में कई लोग अपनी बातचीत को निजी रखने के लिए उपयोग करते हैं। ———————— ये खबर भी पढ़िए… स्कूल वैन में बच्ची से ड्राइवर ने रेप किया : लखनऊ में 4 साल की स्टूडेंट रोते हुए मां से बोली- अंकल ने गंदी हरकत की लखनऊ में 4 साल की बच्ची के साथ स्कूल वैन के ड्राइवर ने रेप किया। बच्ची रोते हुए घर पहुंची। मां के पूछने पर मासूम ने बताया- स्कूल से लौटते समय वैन वाले अंकल ने गंदी हरकत की। परिजन ने तुरंत स्कूल में शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। (पूरी खबर पढ़िए)