बीजापुर में तीन महीने से खुले में पड़ा धान भीगा:1000 बोरी पूरी तरह बर्बाद, धान खरीदी के बाद 3 महीने तक उठा नहीं स्टॉक

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कोंगूपल्ली धान खरीदी केंद्र में पिछले तीन महीनों से हजारों बोरी धान खुले आसमान के नीचे पड़ा हुआ है। लगातार बारिश के कारण अब तक 1000 से अधिक बोरी धान पूरी तरह खराब हो चुका है, जबकि शेष स्टॉक भी नष्ट होने की कगार पर है। 8 महीने पहले हुई खरीदी, अब तक नहीं हुआ उठाव विपणन वर्ष 2024-25 के तहत इस केंद्र से 47,641.20 क्विंटल धान की खरीदी की गई थी। इसमें से 43,963 क्विंटल धान का ही परिवहन हो सका है, जबकि करीब 3,677 क्विंटल यानी 5,964 बोरी धान अब भी केंद्र में पड़ी है। किसानों का सवाल है कि खरीदी को आठ महीने बीतने के बावजूद अब तक धान मिलर्स तक क्यों नहीं पहुंचा? भीगने से धान में अंकुरण शुरू त्रिपाल डालकर धान को बचाने की कोशिश की गई, लेकिन वह नाकाफी साबित हुई। लगातार बारिश से धान की बोरियां गीली हो गई और उनमें अंकुरण शुरू हो गया है। मंडी परिसर में कीचड़ और पानी भराव के चलते ट्रक भी केंद्र में नहीं घुस पा रहे हैं। प्रबंधक बोले – डीओ मार्च में काटा, मिलर्स ने नहीं उठाया लेम्पस प्रबंधक जी. प्रसाद ने बताया कि, 27 मार्च को डिलीवरी ऑर्डर (DO) जारी कर दिया गया था, लेकिन कोनरक राइस मिलर्स, राजिम ने अब तक स्टॉक नहीं उठाया है। लगातार बारिश से हालात और बिगड़ चुके हैं। विपणन विभाग ने समिति पर डाली जिम्मेदारी जिला विपणन अधिकारी तामेश नागवंशी ने कहा कि विभाग की ओर से समय पर डिलीवरी ऑर्डर जारी कर दिया गया था, और धान की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेम्पस समिति की है। यानी एक बार फिर प्रशासनिक तालमेल की कमी से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है। ऑपरेटर-सहायक बोले- स्थिति बदतर, ट्रक भी नहीं घुस पा रहे खरीदी केंद्र के ऑपरेटर संजय सोड़ी और बोरा प्रभारी कमलेश धन्नूर ने बताया कि मंडी में पानी और कीचड़ के कारण ट्रक अंदर नहीं जा पा रहे। उनका कहना है कि अगर जल्दी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो बचा हुआ धान भी बर्बाद हो जाएगा।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *