रांची | झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर ‘एंबुलेंस नहीं मिली, पैसे भी नहीं थे, बीमार पत्नी को कंधे पर लेकर निकल पड़ा पति’ पर स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने राज्य सरकार को प्रतिवादी बनाते हुए पूरे मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामला पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां एक सबर दंपती को चिकित्सा सुविधा के अभाव में भारी परेशानी झेलनी पड़ी। डॉक्टरों ने शुकुलमणि सबर को बेहतर इलाज के लिए एमजीएम रेफर किया था, लेकिन 108 एंबुलेंस या अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं मिली। मजबूर होकर पति गुरा सबर बीमार पत्नी को कंधे पर लेकर पैदल ही निकल पड़ा। हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीर मानते हुए सरकारी जवाब तलब किया है।