बी.कॉम स्टूडेंट चलाता था टेलीग्राम पर ग्रुप:लालच देकर करता था बैंक अकाउंट कलेक्ट; डिजिटल अरेस्ट मामले में दो ओर आरोपी गिरफ्तार

डिजिटल अरेस्ट मामले में दो और आरोपी गिरफ्तार हुए, दोनों आरोपी यूपी के रहने वाले है। एक होलसेल व्यापारी है जबकि दूसरा बी.कॉम का स्टूडेंट है। पूछताछ में सामने आया कि बी.कॉम का स्टूडेंट टेलीग्राम पर एक ग्रुप चलाता था। जहां पर वह लोगों को अकाउंट देने के बदलने में कमीशन का लालच दिया करता था। कुछ दिनों पहले इंदौर की महिला को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी के मामले में इन्हें गिरफ्तार किया हैं। इन्हें मिलाकर इस मामले में 13 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। कुछ दिनों पहले इंदौर के 59 वर्षीय एक महिला ने NCRP पोर्टल पर डिजिटल अरेस्ट होने और 1 करोड़ 60 लाख रुपए की ऑनलाइन ठगी होने की शिकायत की थी। क्राइम ब्रांच ने विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की थी। परत-दर-परत क्राइम ब्रांच की टीम ने दो कड़ी को उजागर कर दिया है, अब टीम तीसरी कड़ी को उजागर करने में लगी हैं। ऐसे बनाया था महिला को निशाना बदमाशों ने स्काइप और वाट्सऐप कॉल कर अलग-अलग सरकारी विभाग जैसे CBI, RBI पुलिस आदि के फर्जी अधिकारी बताकर मनी लॉड्रिंग केस में जेल जाने का डर बताकर, महिला की निजी और बैंकिंग डिटेल ली। बैंक अकाउंट, FD, शेयर्स आदि के रुपयों की जांच करने के नाम पर ऑनलाइन 1 करोड़ 60 लाख रुपए ठग लिए। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने धारा 318(4), 308(2), 316(5), 111(4), 3(5) BNS के तहत केस दर्ज कर लिया था। इसके बाद से क्राइम ब्रांच की टीम इस मामले में आरोपियों की तलाश करने में लगी थी। 25 लाख रुपए हुए आए खाते में
डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश त्रिपाठी ने बताया कि पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ और टेक्निकल जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच की टीम ने उत्तर प्रदेश के आरोपी मनोज कुमार (30) निवासी श्रावस्ती और आगम साहनी (21) निवासी लखनऊ को गिरफ्तार किया हैं। मनोज होलसेल व्यापार करता है, जिसने डिजिटल अरेस्ट गैंग के लिए अपने व्यापार का करंट बैंक अकाउंट ठगी के लिए उपयोग करना बताया। दूसरे आरोपी आगम साहनी से पूछताछ में सामने आया कि वह ऑनलाइन ठग गैंग के संपर्क में होकर ठगी के लिए लोगों के बैंक खाते उपलब्ध कराने का काम करता था। बदमाशों ने गैंग के कहने और गैंग से कुल 3 लाख रुपए नगद कमीशन के लिए ट्रांजेक्शन किए। इंदौर की महिला के साथ ठगी गए पैसा में से 25 लाख रुपए मनोज के खाते में आए। इसके अलावा 1 करोड़ 66 लाख अन्य ठगी की राशि भी आई थी। बदमाशों ने सिम कार्ड भी तोड़कर फेक दिया ताकि पुलिस आरोपियों पर शक न कर सके। टेलीग्राम पर चलाता था ग्रुप डीसीपी क्राइम ब्रांच ने बताया कि आगम साहनी से पूछताछ की जा रही है कि वह आगे किसे ये बैंक खाते उपलब्ध कराता था। इस मामले में पहली और दूसरी कड़ी पकड़ी जा चुकी हैं। अब क्राइम ब्रांच की टीम तीसरी कड़ी पर काम कर रही हैं। इसमें कौन फोन पर बात करते थे, इसकी जानकारी निकाली जा रही है। पूछताछ में सामने आया है कि आगम साहनी कई लोगों से जुड़ा हुआ था। टेलीग्राम पर वह ग्रोपे नाम से एक ग्रुप चलाता था। उसमें वह खासतौर पर ऐसे लोगों को तलाशता था जो उसे अकाउंट दे सके। ऐसा पूरा एक ग्रुप उसने बना रखा था। वह ग्रुप में ही लोगों को बैंक खाता देने पर कमीशन के लिए लुभाता था। यह देखा जाए तो अकाउंट एकत्रित करने का काम करता था। इस मामले में उसे तीन लाख रुपए आरोपी को मिले थे। आगम बी.कॉम की पढ़ाई कर रहा है। ये आरोपी हो चुके हैं गिरफ्तार क्राइम ब्रांच प्रतीक जरीवाला, अभिषेक जरीवाला, चंद्रभान बंसल, राकेश कुमार बंसल, विवेक रंजन उर्फ पिंटू गिरी, अल्ताफ कुरैशी, अभिषेक चक्रवर्ती, रोहन शाक्य, आयुष राठौर, निलेश गोरेले, अभिषेक त्रिपाठी को पूर्व में गिरफ्तार कर चुकी है। बुधवार को टीम ने यूपी के मनोज कुमार और आगम साहनी को भी गिरफ्तार कर लिया हैं। इस प्रकार कुल 13 आरोपी इस मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं। ये खबर भी पढ़े… इंदौर में महिला कारोबारी को 3 दिन डिजिटल अरेस्ट रखा:मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने के नाम पर डेढ़ करोड़ ठगे,3 महीने में डिजिटल अरेस्ट का 65वां मामला

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