बूंदी जिले में शनिवार को दोपहर चार बजे के बाद मौसम का मिजाज बदल गया। जिले के लाखेरी, नैनवां, हिण्डौली, केशोरायपाटन और तालेड़ा क्षेत्रों में धूल भरी आंधी चली। तलवास में आंधी के दौरान मोबाइल टावर धराशायी हो गया। टावर पास के मकानों पर गिरा। गनीमत रही कि कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई। नैनवां और कापरेन में दुकानों और घरों पर लगे टीन व छप्पर तेज हवाओं के झोकों से उड़कर जमीन पर आ गिरे। कुछ जगहों पर आंधी के दौरान आग लगने की घटनाएं भी सामने आईं। लाखेरी और नैनवां इलाकों में आग लगने की सूचना पर दमकल को रवाना किया गया। आंधी के कारण आसमान में धूल का गुबार छा गया। सूरज की रोशनी धुंधली पड़ गई। तेज हवाओं से राहगीरों और वाहन सवारों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान क्षेत्र की बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई। लाखेरी क्षेत्र में धूल भरी आंधी एक घंटे से अधिक समय तक चली। दोपहर बाद आसमान में सफेद बादल छाने लगे। फिर तेज हवाएं चलनी शुरू हुईं। कुछ ही देर में हवाओं ने आंधी का रूप ले लिया। इससे पहले सुबह से तेज धूप और गर्मी से लोग परेशान थे। आंधी के बाद लोगों को गर्मी से राहत मिली। धूल भरी आंधी से क्षेत्र में आवाजाही प्रभावित हुई। सांवतगढ़ में दुर्गा लाल सैन के कुएं पर लोहे के टीनशेड उछलकर दूर जा गिरे। सीमेंट के टीनशेड चकनाचूर हो गए। कन्हैया लाल किराड़ के कुएं पर पशुओं के लिए बनाया गया टीनशेड टूटकर जमींदोज हो गया। शोज़ी लाल प्रजापत के मकान के पास 11 केवी लाइन पर एक पेड़ गिर गया। इससे लाइनों में खिंचाव आया और बिजली का पोल टूटकर जमीन पर गिर गया। गनीमत रही कि पोल मकान पर नहीं गिरा, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था। कई जगह एलटी लाइनों में भी फॉल्ट आया। बिजली विभाग के लाइनमैन और कर्मचारियों को मरम्मत में भारी मशक्कत करनी पड़ी।