कर्नाटक के बेंगलुरु में 22 हजार से ज्यादा छोटे-मझोले व्यापारी राज्य सरकार की तरफ से भेजे गए GST नोटिस से परेशान हैं। इनमें से करीब 9 हजार दुकानदारों को चार साल के गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) बकाया भुगतान के नोटिस मिले हैं। कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट ने दूध, फल-फूल, सब्जी बेचने वालों को भी 2 लाख तो किसी को 90 लाख रुपए तक के नोटिस भेज दिए हैं। इससे नाराज छोटे दुकानदारों ने पूरे बेंगलुरु में UPI पेमेंट बंद कर दिया है। वे सिर्फ कैश पेमेंट ले रहे हैं। उन्होंने दुकान पर ‘ओनली कैश’ के पर्चे चिपका लिए हैं। इसके बाद कर्नाटक सरकार हरकत में आई। बुधवार देर शाम व्यापारिक संगठनों, कर विभाग के अधिकारियों को बुलाया गया। तीन घंटे मंथन के बाद CM सिद्धारमैया ने बताया कि बीते 2-3 साल का टैक्स नहीं देना होगा। बशर्ते सभी व्यापारी GST अधिनियम के तहत रजिस्ट्रेशन कराएं। कॉमर्शियल टैक्स विभाग ने छोटे दुकानदारों को चार साल के जीएसटी बकाया के नोटिस भेजे हैं। बकाए में कारोबार के टर्नओवर में उनके निजी UPI लेनदेन भी शामिल हैं। व्यापारी इसी से नाराज हैं। दुकानदारों ने UPI क्यूआर कोड हटाए….3 तस्वीरें… CM का दावा- 25 जुलाई को बुलाया बेंगलुरु बंद वापस
CM का दावा है कि व्यापारिक संगठनों ने 25 जुलाई को बुलाया बेंगलुरु बंद वापस ले लिया है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं किया कि UPI से पेमेंट लेना शुरू होगा या नहीं। दूसरी तरफ, छोटे कारोबारियों के संगठन कर्नाटक स्टेट कार्मिका परिषद के अध्यक्ष रवि शेट्टी ने बुधवार देर रात बताया कि 25 जुलाई को बंद होगा। फ्रीडम पार्क में प्रदर्शन भी करेंगे। हम बैकफुट पर नहीं जाएंगे। जो GST दायरे में नहीं, उन्हें भी 90 लाख का नोटिस
इलेक्ट्रॉनिक सिटी इलाके के मीट कारोबारी मोहम्मद अराफात का केस दिलचस्प है। वो बताते हैं कि वह GST के दायरे में नहीं आते, फिर भी उन्हें 91 लाख का नोटिस मिला है। पहली बार धंधा बंद करने की नौबत आ गई है। भास्कर ने उन व्यापारियों से बात की, जिन्हें 40 लाख से ज्यादा के नोटिस भेजे गए हैं। एचएसआर क्षेत्र में बेकरी मालिक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें 43 लाख का नोटिस मिला है। इसलिए ऑनलाइन पैसा लेना बंद कर दिया है। मैं ब्रेड बेचता हूं, मुश्किल से घर चलता है। यदि नोटिस रद्द नहीं हुआ तो धंधा बंद करना होगा। टैक्स विभाग की संयुक्त आयुक्त मीरा सुरेश पंडित का कहना है कि यदि किसी ने एक साल में UPI के जरिए सेवाओं के लिए 20 लाख या वस्तुओं के लिए 40 लाख से ज्यादा का लेनदेन किया है, तो उसे रजिस्ट्रेशन कराना होगा। जिन्हें नोटिस भेजे हैं, उनका लेन-देन इस सीमा से ज्यादा है। यदि सब ठीक है तो नोटिस हटा दिए जाएंगे। वर्ना टैक्स तो देना होगा। 1 जुलाई को GST लागू हुए 8 साल पूरे
देश में GST लागू हुए 8 साल पूरे हो गए हैं। 1 जुलाई 2017 को देश में GST लागू किया गया था। इस दौरान टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों ने नया रिकॉर्ड बनाया है। वित्त वर्ष 2024-25 में ग्रॉस GST कलेक्शन 22.08 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो 5 साल पहले 2020-21 में सिर्फ 11.37 लाख करोड़ था। यानी, 5 साल में टैक्स वसूली लगभग दोगुनी हो गई है। 2024-25 में हर महीने औसत GST कलेक्शन 1.84 लाख करोड़ रुपए रहा। ये 5 साल पहले 2020-21 में 95 हजार करोड़ रुपए था। टैक्सपेयर्स की संख्या भी दोगुनी से ज्यादा बढ़ी GST लागू होने के वक्त 2017 में रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स की संख्या 65 लाख थी, जो अब बढ़कर 1.51 करोड़ से ज्यादा हो गई है। इससे सरकार का टैक्स बेस भी मजबूत हुआ है। सरकार का कहना है कि GST लागू होने के बाद टैक्स कलेक्शन और टैक्स बेस दोनों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। इससे देश की फिस्कल पोजिशन मजबूत हुई है और टैक्स सिस्टम ज्यादा पारदर्शी और आसान बना है। इतिहास में सबसे बड़ा टैक्स कलेक्शन अप्रैल 2025 में सरकार ने अप्रैल 2025 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 2.37 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। सालाना आधार पर इसमें 12.6% की बढ़ोतरी हुई थी। ये GST कलेक्शन का रिकॉर्ड है। इससे पहले हाईएस्ट जीएसटी कलेक्शन का रिकॉर्ड अप्रैल 2024 में बना था। तब सरकार ने 2.10 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। इकोनॉमी की हेल्थ दिखाता है GST कलेक्शन जीएसटी कलेक्शन इकोनॉमिक हेल्थ का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। हायर कलेक्शन मजबूत उपभोक्ता खर्च, औद्योगिक गतिविधि और प्रभावी कर अनुपालन का संकेत देते हैं। अप्रैल महीने में बिजनेसेज अक्सर मार्च से वर्ष के अंत के लेन-देन को क्लियर करते हैं, जिससे टैक्स फाइलिंग्स और कलेक्शन्स में वृद्धि होती है। KPMG के नेशनल हेड अभिषेक जैन ने कहा कि अब तक का हाईएस्ट GST कलेक्शन मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। क्या है GST GST एक इनडायरेक्ट टैक्स है। इसे कई तरह के इनडायरेक्ट टैक्स जैसे VAT, सर्विस टैक्स, परचेज टैक्स, एक्साइज ड्यूटी को रिप्लेस करने के लिए 2017 में लागू किया गया था। GST में 5, 12, 18 और 28% के चार स्लैब हैं। GST को चार हिस्सों में डिवाइड किया गया है: ——————— ये खबर भी पढ़ें… GST कलेक्शन ने बनाया नया रिकॉर्ड: पिछले साल की तुलना में 12.6% की बढ़ोतरी सरकार ने अप्रैल 2025 में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से 2.37 लाख करोड़ रुपए जुटाए। सालाना आधार पर इसमें 12.6% की बढ़ोतरी हुई है। ये GST कलेक्शन का रिकॉर्ड है। इससे पहले हाईएस्ट जीएसटी कलेक्शन का रिकॉर्ड अप्रैल 2024 में बना था। तब सरकार ने 2.10 लाख करोड़ रुपए जुटाए थे। पढ़ें पूरी खबर…