बॉम्बे HC बोला- नागपुर में धरना स्थल खाली करें:कर्ज माफी पर किसानों का प्रदर्शन, हाईवे जाम; CM फडणवीस बोले- बातचीत से हल निकालें

महाराष्ट्र के नागपुर में कर्ज माफी की मांग को लेकर जारी किसानों के प्रदर्शन पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। जस्टिस रजनीश व्यास ने सुनवाई करते हुए आदेश दिया कि प्रदर्शन की अनुमति केवल 24 घंटे के लिए दी गई थी। प्रदर्शनकारी आज शाम 6 बजे तक धरना स्थल खाली करें। प्रदर्शन की अगुआई कर रहे प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू ने कहा, हम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए नेशनल हाईवे छोड़ने के लिए तैयार हैं, लेकिन पुलिस को हमें बताना चाहिए कि वे हमें कहां ले जा रहे हैं और हमारे लिए क्या व्यवस्था कर रहे हैं। किसानों के प्रदर्शन का आज दूसरा दिन था। किसानों ने स्टेट हाईवे को जाम किया था। उधर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बच्चू कडू से अपील की कि वे किसानों के मुद्दों पर सरकार के साथ चर्चा करें, न कि ऐसे आंदोलन करें जिनसे जनता को असुविधा हो। एक दिन पहले मंगलवार को भी हजारों किसान नागपुर-हैदराबाद हाईवे (NH-44) पर उतर आए थे। उन्होंने करीब 7 घंटे तक हाईवे जाम रखा था। किसानों की मांग है कि सरकार ने चुनावों के दौरान कर्ज माफी और फसल बोनस का वादा किया था, लेकिन अब तक किसी को राहत नहीं मिली। सीएम बोले- मीटिंग में बुलाया लेकिन कडू नहीं आए
फडणवीस पुणे में एक कार्यक्रम के लिए पहुंचे थे। वहां उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, आंदोलन से पहले, हमने एक बैठक बुलाई थी और आश्वासन दिया था कि बातचीत के जरिए समाधान निकाला जा सकता है। बच्चू कडू पहले तो राजी हो गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि वह बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे। राज्य मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने भी कडू से संपर्क किया है। बातचीत के बाद ही कोई रोडमैप तैयार किया जा सकता है। किसानों के प्रदर्शन की 4 तस्वीरें… अब जानिए क्यों हुआ आंदोलन किसानों का आरोप है कि राज्य सरकार ने चुनाव से पहले कर्ज माफी और बोनस देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बच्चू कडू ने कहा कि ‘सरकार ने हर फसल पर 20% बोनस और सोयाबीन पर ₹6000 देने की बात कही थी, पर अब तक किसानों को कुछ नहीं मिला। मुख्यमंत्री के पास किसानों से मिलने का समय तक नहीं है।’ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पिछले एक साल में सूखा और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। इसके बावजूद, सरकार ने मुआवजे की प्रक्रिया में ढिलाई दिखाई है। कडू ने कहा, ‘कर्ज में डूबे किसान आत्महत्या कर रहे हैं। जब तक पूरा कर्ज माफ नहीं किया जाता, हम यहां से नहीं हटेंगे।’ स्वाभिमानी पक्ष के नेता रवीकांत तुपकर ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि “सरकार के पास हाईवे और मेट्रो प्रोजेक्ट्स के लिए पैसा है, लेकिन किसानों के लिए नहीं। कौन हैं बच्चू कडू ​​​​​​​​​​राज्य के पूर्व मंत्री रह चुके बच्चू कडू प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता और अचलपुर के विधायक महाराष्ट्र की राजनीति में अपने आक्रामक तेवर और जनआंदोलनों के लिए जाने जाते हैं। वे किसानों, युवाओं और दिव्यांगों के मुद्दों को उठाते हैं। ​​​कहां हुआ प्रदर्शन प्रदर्शन का मुख्य स्थल जामठा फ्लाईओवर था, जो समृद्धि एक्सप्रेसवे का एंट्री पॉइंट और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का गृह क्षेत्र माना जाता है। आंदोलनकारियों का कहना था कि सरकार को अब किसानों की तकलीफें सुननी ही होंगी। 2023 में सरकार ने शुरु की थी ‘नमो शेतकरी महासम्मान योजना’ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2023 में ₹31,628 करोड का राहत पैकेज घोषित किया था, जिसमें बारिश से प्रभावित किसानों को ₹10,000 नकद सहायता देने की बात कही गई थी। राज्य सरकार के अनुसार, यह राहत 68 लाख हेक्टेयर फसल नुकसान और 29 जिलों के किसानों को कवर करेगी। फडणवीस ने सितंबर में ‘नमो शेतकरी महासम्मान योजना’ की सातवीं किस्त के तहत ₹1,892.61 करोड़ राशि 91 लाख किसानों के खातों में ट्रांसफर की थी।हालांकि, किसानों का कहना है कि यह राहत नाकाफी है और केवल कर्ज माफी ही स्थायी समाधान है।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *