मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पद संभाले एक साल हो गया है। रविवार को सरकार की वर्षगांठ का जश्न मनाया जा रहा है। भास्कर ने एक्सपट्र्स की मदद से सरकार के एक साल का एनालिसिस किया। इसमें सामने आया कि पेपरलीक पर बड़े एक्शन और नौकरियों की घोषणा से सरकार ने नाराज युवाओं का भरोसा जीता। उपचुनाव में जीत से सियासी नैरेटिव बदला। इंवेस्टमेंट समिट में 35 लाख करोड़ के एमओयू से नया भी रिकॉर्ड बनाया। लेकिन उपलब्धियों के साथ ही कुछ चुनौतियां नजर आईं। पेपरलीक केस में कई गिरफ्तारियां हुई, लेकिन चुनावों में भाजपा ने जिन नेताओं पर आरोप लगाए, जांच की आंच उन तक नहीं पहुंची। इसी तरह गहलोत सरकार में बनाए नए जिलों पर भी अब फैसला नहीं हो पाया है। वहीं, जिस लाल डायरी को चुनावों में पीएम मोदी तक ने मुद्दा बनाया था, उसे सरकार ने लगभग भूला ही दिया है। पहले जानिए सरकार की 7 बड़ी उपलब्धियां पेपरलीक : कई सरगना को जेल, लेकिन एसआई भर्ती 2021 में नकल के आरोपियों की जमानत ने उठाए सवाल विधानसभा चुनाव से लेकर सत्ता में आने तक बीजेपी और मुख्यमंत्री भजनलाल ने हर मोर्चे पर पेपर लीक करने वालों को जेल भेजने का वादा किया था। सीएम ने शपथ के दिन ही पेपर लीक मामले में एसआईटी बनाने की घोषणा की। एसआईटी ने पेपर लीक करने वालों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां की। आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा और पूर्व सदस्य रामूराम राईका जैसे बड़े नाम जेल में हैं। एसआई भर्ती 2021 में 50 से ज्यादा ट्रेनी एसआई को एसओजी ने पकड़ा लेकिन हाई कोर्ट से दो बार में 26 ट्रेनी एसआई को जमानत मिल चुकी है। अब इस केस की जांच और सबूत को लेकर विपक्ष की तरफ से सवाल उठाए जा रहे हैं। ईआरसीपी : सरकार बनते ही राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिला, अब पीएम करेंगे शिलान्यास ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ERCP) को कांग्रेस ने भी चुनावी मुद्दा बनाया था। बीजेपी सरकार बनने के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच पीकेसी-ईआरसीपी रिवर इंटरलिंकिंग प्रोजेक्ट पर एमओयू किया। इसे अब राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा भी मिल गया। हालांकि, विपक्ष लगातार एमओयू को सार्वजनिक करने की मांग करता आ रहा है। अभी तक एमओयू सार्वजनिक नहीं किया गया है। सरकार की वर्षगांठ पर हो रहे कार्यक्रमों के तहत अब 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीकेसी आरसीपी का शिलान्यास करेंगे। ईआरसीपी की डीपीआर बनाने का काम केंद्र में जारी है। कांग्रेस राज के समय मध्य प्रदेश सरकार ने ईआरसीपी पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया था। राजस्थान में बीजेपी सरकार आने के बाद मध्य प्रदेश ने वह केस भी वापस ले लिया। सरकारी नौकरी : युवाओं के लिए हर साल 1 लाख भर्तियों की घोषणा भजनलाल सरकार ने हर साल एक लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां देने का वादा किया था। उस वादे पर पहले तो धीमी गति से कम हुआ, लेकिन सरकार का एक साल पूरा होते-होते ताबड़तोड़ वैकेंसी की घोषणा की गई। पिछले एक सप्ताह में ही 72000 से ज्यादा नौकरियों की घोषणा की गई है। अब इन भर्तियों का काम आगे बढ़ेगा। इंवेस्टमेंट समिट : रिकॉर्ड 35 लाख करोड़ के एमओयू भजनलाल सरकार ने पहले साल में निवेश आकर्षित करने के लिए जयपुर में इन्वेस्टमेंट समिट का आयोजन करके 35 लाख करोड़ के आसपास के एमओयू साइन किए हैं। मुख्यमंत्री से लेकर सरकार के प्रतिनिधि यह दावा कर रहे हैं कि वह निवेश को धरातल पर लेकर आएंगे। 35 लाख करोड़ के निवेश को धरातल पर लाना बहुत बड़ा टास्क है। कई उद्योगपति ऐसे भी हैं जिन्होंने अलग-अलग राज्यों में एमओयू किए हैं। ऐसे में जानकार कई तरह के तकनीकी सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि इससे पहले वसुंधरा सरकार के समय हुए एमओयू में से 10 फीसदी ही निवेश ही धरातल पर आया था। बजट : पास होने से पहले ही उसे धरातल पर लाने की कोशिश चुनावी साल होने की वजह से भजनलाल सरकार का पूर्ण बजट जुलाई में लाया गया। बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गई। बजट पास होने से पहले ही मुख्यमंत्री ने मंत्रियों और बड़े अफसर को उसे धरातल पर उतारने के लिए टास्क दे दिया। इस कदम की विपक्ष ने जमकर आलोचना भी की और विधानसभा में सवाल भी उठाए। उपचुनाव : 7 में 5 सीटें जीतकर नैरेटिव बदला लोकसभा चुनाव में बीजेपी की 11 सीटों पर हार के बाद सीएम भजनलाल को सियासी रूप से दबाव का सामना करना पड़ा। वे सियासी बैकफुट पर थे। विपक्ष को भजनलाल सरकार और सीएम पर निशाना साधने का मौका मिल गया था। नवंबर में 7 सीटों पर उपचुनाव हुए। इनमें से पांच सीटें जीतकर भाजपा ने पूरी परिस्थिति को बदल दिया। बीजेपी की इस जीत ने लोकसभा चुनाव में हुए कमजोर प्रदर्शन की भरपाई कर दी। इसे सियासी मोर्चे पर सीएम के लिए एक बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है। यमुना जल समझौता : डीपीआर बनाने की घोषणा भजनलाल सरकार ने यमुना जल समझौते का पानी राजस्थान के झुंझुनूं जिले को दिलाने के लिए समझौता किया। इस समझौते के मुताबिक हरियाणा अतिरिक्त पानी बारिश के दौरान राजस्थान को देगा। इसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बनाने की घोषणा हुई है। कई दशकों से यह मुद्दा लंबित चल रहा था। हालांकि जिस तरह का समझौता किया गया है, उसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। इस समझौते की सबसे बड़ी खामी यही बताई जा रही है कि हरियाणा बारिश के दौरान ही बचा पानी देगा। सरकार के सामने 4 चुनौतियां नए जिले और गहलोत सरकार के दूसरे फैसलों का रिव्यू अधूरा पिछली कांग्रेस सरकार के आखिरी 6 महीने में लिए गए बड़े फैसलों का रिव्यू का काम अब तक नहीं हुआ है। मंत्रियों की कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है। गहलोत राज में बनाए गए जिलों को लेकर भाजपा ने खूब सवाल उठाए थे। सरकार में आने पर उनके रिव्यू की बात कही थी। भजनलाल सरकार ने वादे के मुताबिक कमेटी बनाकर जिलों के रिव्यू का काम तो शुरू कराया, लेकिन वह अभी तक पूरा नहीं हुआ है। चर्चा है कि गहलोत राज में बने हुए आधा दर्जन के आसपास छोटे जिलों को खत्म किया जा सकता है। क्योंकि भाजपा नेताओं ने इन जिलों को लेकर पहले और अब भी सवाल उठाए हैं। किरोड़ी फैक्टर : बीजेपी सरकार के लिए चुनौती मंत्री किरोड़ीलाल मीणा पूरे साल सरकार के लिए चुनौती बने रहे। आगे भी यही आसार हैं। लोकसभा चुनावों में उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं आने के बाद किरोड़ीलाल मीणा ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उपचुनावों में किरोड़ी के भाई जगमोहन मीणा बीजेपी के टिकट पर चुनाव हार गए। इस हार के लिए किरोड़ी ने भितरघात का आरोप लगाते हुए बीजेपी के बड़े नेताओं पर आरोप लगाए। किरोड़ी ने जल्द नामों का खुलासा करने की बात कही है। ऐसे में इतना तो तय है कि किरोड़ीलाल मीणा आगे भी चुप नहीं बैठेंगे। सरकार के सामने चुनौती पेश करते रहेंगे। लाल डायरी : जांच का वादा कर भुला दिया बीजेपी ने विधानसभा चुनावों में लाल डायरी को बड़ा मुद्दा बनाया था। चुनावी सभाओं में पीएम मोदी तक ने लाल डायरी का जिक्र करते हुए सरकार बनने पर इसमें लगे आरोपों पर जांच की बात कही थी। सत्ता में आने के बाद लाल डायरी पर चुप्पी है। इस मुद्दे को एक तरह से भुला दिया है। वन स्टेट वन इलेक्शन : घोषणा की, लेकिन रोडमैप तैयार नहीं भजनलाल सरकार ने वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत निकायों और पंचायत के एक साथ चुनाव करवाने की संभावनाएं तलाश करने की घोषणा की। जिन स्थानीय निकायों के चुनाव जनवरी में बाकी थे उन 49 शहरी निकायों में प्रशासक लगा दिए हैं। वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर डिटेल रोडमैप नहीं दिया। इसके अलावा 7000 के आसपास पंचायतों में भी प्रशासक लगाए जाने हैं। डोटासरा बोले- सरकार हर मोर्चे पर फेल, मंत्री ही कह रहे अफसरशाही हावी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने बताया कि भजनलाल सरकार ने कांग्रेस पर आरोप लगाने में एक साल निकाल दिया। एक लाख नौकरियां देने का वादा खोखला साबित हुआ। ईआरसीपी और यमुना से पानी लाने के एमओयू तक ये सार्वजनिक नहीं कर सके। आखिर जनता से ये छिपा क्यों रहे हैं? मतलब कुछ तो गलत है, तभी एमओयू सार्वजनिक करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। सरकार में भारी अंतर्कलह है। इनके मंत्री ही कह रहे हैं अफसरशाही हावी है। कानून व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। इनके एक मंत्री इस्तीफा देकर बैठे हैं। वो मंत्री हैं कि नहीं कोई नहीं जानता। जनता ने सरकार चाही थी और सर्कस बन गया। ….. भजनलाल सरकार के हाल के कार्यक्रम से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… 1. महिलाओं को 24 घंटे मोबाइल ऐप से मिलेगी मदद:क्लिक करते ही पुलिस के पास पहुंचेगी लोकेशन; मुख्यमंत्री बोले- पिछली सरकार में राजस्थान बदनाम रहा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने महिला सुरक्षा के लिए 24 घंटे राजकोप सिटीजन ऐप की शुरुआत की। इस ऐप की मदद से महिलाओं को जरूरत पड़ने पर तत्काल पुलिस सहायता मिल सकेगी। ऐप में ‘महिला सुरक्षा’ सेक्शन में ‘नीड हेल्प’ का ऑप्शन जोड़ा गया है। इसमें पुलिस को कॉल करने या मैसेज करने का का विकल्प जोड़ा है। पूरी खबर पढ़िए… 2. सीएम बोले- मैं भी किसान परिवार से, तकलीफ जानता हूं:स्पीकर देवनानी ने कहा- षड़यंत्र का शिकार न बनें; महिलाओं को डेयरी बूथ, गोपालकों को क्रेडिट कार्ड बांटे किसान सम्मेलन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के 70 लाख से ज्यादा किसानों को 702 करोड़ रुपए की सम्मान निधि की दूसरी किस्त जारी की। इस आयोजन में सीएम ने किसानों-पशुपालकों से जुड़ी 4 नई योजनाओं की भी शुरुआत की।इस दौरान किसानों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा- किसान धरती माता का सच्चा सपूत है। पूरी खबर पढ़िए…