रक्षाबंधन के मौके पर बठिंडा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल शनिवार को नाभा जेल पहुंचीं, जहां उनके भाई और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया बंद हैं। वे भाई को राखी बांधने आई थीं, लेकिन जेल प्रशासन ने उन्हें लंबे समय तक बाहर इंतजार करवाया। जेल के बाहर मीडिया से बातचीत में हरसिमरत कौर बादल ने पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि रक्षाबंधन जैसे पवित्र दिन पर भी उन्हें तुरंत भाई से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जेल गेट पर रोके रखना मुख्यमंत्री भगवंत मान के इशारे पर किया गया, जो बेहद शर्मनाक है। बादल बोलीं- चार दिनों से राखी बांधने के लिए समय मांग रही थी
हरसिमरत कौर ने कहा- वे पिछले महीने से भाई से मिलने की अनुमति मांग रही थीं और पिछले चार दिनों से विशेष रूप से राखी के दिन मुलाकात के लिए अनुरोध कर रही थीं। लेकिन पंजाब सरकार अनुमति देने में टालमटोल करती रही। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाई पर जो आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है, वह पूरी तरह झूठा और राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि चार दिनों से मैं भाई को राखी बांधने के लिए समय मांग रही थी। मगर मुझे समय नहीं दिया गया। मेरी गाड़ियां अंदर नहीं जाने दी गईं। इस वक्त में दिल्ली से सीधा नाभा जेल पहुंची हूं। मैंने आम लोगों की तरह सभी बहनों के साथ जाकर राखी बांधी। 2021 के नशा तस्करी के केस में हुई थी मजीठिया की गिरफ्तारी
गौरतलब है कि बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब पुलिस ने दिसंबर 2021 में एनडीपीएस (NDPS) अधिनियम के तहत दर्ज एक पुराने मादक पदार्थ मामले में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि मंत्री रहते हुए उन्होंने नशा तस्करी से जुड़े लोगों को संरक्षण दिया और अवैध कमाई से संपत्ति अर्जित की। हालांकि, मजीठिया और शिरोमणि अकाली दल इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हैं और इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताते हैं। इस मौके पर नाभा हलका इंचार्ज मख्खन सिंह लालका, अमलोह हलका इंचार्ज गुरप्रीत सिंह राजू खन्ना, जिला शहरी प्रधान अमित सिंह राठी, प्रिंस तुंग, बबलू चौहान और नंबरदार देवराज दुल्लड़ी सहित कई नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।