साइंस कॉलेज के पास स्थित चौपाटी को आमानाका ओवरब्रिज के नीचे शिफ्ट करने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। चौपाटी के दुकानदारों, आसपास के कारोबारियों और आम लोगों का कहना है कि भाजपा-कांग्रेस की राजनीति में चौपाटी को चौपट किया जा रहा है। करीब एक साल से चल रही चौपाटी पर किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है। इसके आसपास जितने भी शैक्षणिक संस्थान हैं, उनमें से किसी ने आज तक कोई शिकायत नहीं की है। एनआईटी की सड़क पर जाम भी नहीं लगता, क्योंकि दुकानों के बाहर बड़ा पाथे-वे है। सड़क किनारे गाड़ियां खड़ी करने के लिए पर्याप्त जगह है। बता दें कि पिछली कांग्रेस सरकार ने करीब पांच करोड़ रुपए खर्च कर साइंस कॉलेज के पास चौपाटी बनवाई थी। यहां सौंदर्यीकरण करने में भी काफी खर्चा किया गया। 60 दुकानों के लिए टेंडर जारी किया गया। गुरु हरकिशन होटल एंड रिसॉर्ट ने इस टेंडर को हासिल किया। इसके बाद इसी एजेंसी ने एक-एक गुमटी को 19500 रुपए महीने के किराए पर दिया। 11 महीने का एग्रीमेंट किया गया। अनुबंध में लिखा गया कि नया किराया बढ़ाकर 26 हजार होगा। अभी सभी दुकानदारों को हर महीने इतना ही किराया देना पड़ रहा था। सरकार बदलते ही रायपुर पश्चिम विधायक राजेश मूणत ने चौपाटी हटाने के लिए फिर से अफसरों से बात की। इस बार निगम अफसरों का कहना है कि हाइकोर्ट ने इस मामले को आपसी सहमति से हल करने के लिए कहा है। लेकिन बिना सहमति इसकी शिफ्टिंग शुरू कर दी गई थी, जिसे अभी रोका गया है। मूणत ने कई बार कहा है कि यह जगह यूथ हब बनाने के लिए है। इसलिए यहां चौपाटी नहीं बन सकती है। एनआईटी की सड़क फिर से होगी जाम
साइंस कॉलेज की चौपाटी बनने से पहले सभी दुकानें एनआईटी की सड़क पर लगती थीं। इस वजह से लोग सड़क पर ही अपनी गाड़ियां खड़ी करते थे। अक्सर जाम लगता था। जाम की समस्या खत्म करने के लिए ही इन दुकानदारों को साइंस कॉलेज के पास नई चौपाटी में शिफ्ट किया गया। अब इन दुकानदारों को वहां से हटाया जाएगा तो ये फिर से सड़क पर ही दुकान लगाएंगे। इससे एनआईटी की सड़क पर पहले की तरह ही जाम लगता रहेगा। आमानाका में कोई नहीं आएगा घर चलाना भी होगा मुश्किल
साइंस कॉलेज चौपाटी में दुकान लगाने वाले अशोक यादव, तुलसी साहू, सागर, अशोक साहू समेत ज्यादातर दुकानदारों का कहना है कि चौपाटी को जहां शिफ्ट किया जा रहा है वहां बिजली, पानी समेत कई जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। साइंस कॉलेज के पास जो कारोबार होता है वो आमानाका में नहीं होगा। दुकान का खर्चा और स्टाफ की सैलरी निकालना भी मुश्किल होगा। साइंस कॉलेज के पास लोग परिवार के साथ आते हैं। बड़ी संख्या में छात्र आते हैं। फ्लाइओवर के नीचे कौन परिवार लाना चाहेगा। साइंस कॉलेज चौपाटी की शिफ्टिंग अभी नहीं कर रहे हैं। पूरे मामले की जानकारी राज्य सरकार को दी गई है। इस पर फैसला शासन को ही करना है। निर्देशों के अनुसार ही काम किया जाएगा।
अबिनाश मिश्रा, आयुक्त नगर निगम एक ही व्यक्ति की जिद है कि साइंस कॉलेज से चौपाटी हटाई जाए। दुकानों से कभी कोई जाम नहीं लगा। कॉलेज छात्रों को भी कोई परेशानी नहीं होती है। यूथ हब के नाम पर बेवजह हटाया जा रहा है।
विकास उपाध्याय, पूर्व विधायक,रायपुर पश्चिम चौपाटी पर वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं