भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने एक बार कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा- पहले पेपर लीक होते थे, अब कोई पेपर लीक भी नहीं हो रहा है। सब काम सही तरीके से हो रहा है। ये सब पूर्व सीएम अशोक गहलोत को दिखता नहीं है, गहलोत केवल घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। वो समझ नहीं रहे हैं। उनके समय में जो अव्यवस्थाएं थीं, वो सारी जनता जानती है। दरअसल, मदन राठौड़ एक दिवसीय दौरे पर शनिवार देर रात नागौर पहुंचे। उन्होंने भाजपा जिला कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। राठौड़ ने यहां प्रदेश कार्यकारिणी का गठन, पहलगाम हमला, वक्फ संशोधन विधेयक और प्रदेश में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों की रणनीति को लेकर दैनिक भास्कर से बातचीत की। उन्होंने हर सवाल का खुलकर जवाब दिया। पढ़िए पूरा इंटरव्यू:- सवाल: नागौर के कार्यकर्ताओं में किस तरह का उत्साह देखते हैं? जवाब: यहां के कार्यकर्ताओं में जोश है, तभी तो अभी खींवसर का उपचुनाव जिताया है। खींवसर के रूप में इन्होंने बहुत बड़ा गढ़ जीता है। धन्यवाद देना बाकी रह गया था, वो आज दे दिया। सवाल: प्रदेश कार्यकारिणी का क्या स्वरूप होगा? जवाब: नई टीम में क्या है, कुछ पुराने रहेंगे, कुछ नए जुड़ेंंगे। हर कार्यकर्ता को उपयोग में लेना है, सबको काम मिलेगा किसी को छोड़ेंगे नहीं। जवाबदारियां बदलती रहती हैं, ये चलता है। ब्लॉक, मंडल, जिले और प्रदेश के चुनाव हो गए, अब सबकी कार्यकारिणी बनेंगी। प्रदेश कार्यकारिणी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की अनुमति देने का नियम है। सवाल: मंत्रिमंडल फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों में भी पुराने चेहरों को एडजस्ट करने की चर्चा है। जवाब: मंत्रिमंडल और बोर्ड नियुक्तियां मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। वो सलाह लेंगे तो सलाह दे देंगे, बाकी करना तो उनको है। जब सरकार भाजपा की है, तो बोर्ड नियुक्तियों में भाजपा के ही कार्यकर्ता दिखेंगे। पुराने लोगों का बहुत उपयोग है, ओल्ड इज गोल्ड कहा जाता है। इसलिए पुराने लोग गोल्ड हैं। सवाल: जातिगत जनगणना को लेकर पहले भाजपा खिलाफ थी और अब पक्ष में है। जवाब: जो कांग्रेस के लोग आज ढोल पीट रहे हैं, उनकी पार्टी की सरकार के समय उनकी हिम्मत नहीं हुई कि जातिगत जनगणना करवा सकें। पहले जातिगत जनगणना करवाते तो काफी पैसा खर्च होता, अब चूंकि जनगणना हो ही रही है तो हमें तो अब केवल एक कॉलम बढ़ाना है और बिना किसी अलग खर्च के जातिगत जनगणना हो जाएगी। सवाल: जनगणना कब तक होने का अनुमान है? जवाब: 2026-2027 तक जनगणना पूरी हो जाएगी। सवाल: आपसे उम्मीद थी कि भाजपा के कथित धड़ों को एक कर पाएंगे जवाब: अब दिख रहा है ना आपको, सब एक हैं। सब एकजुट है, एकमुखी हैं, एक दिशा में चल रहे हैं। बड़े-बड़े जो भी वरिष्ठतम नेता हैं आज सब एक लाइन में हैं। सवाल: पिछले दिनों खींवसर विधायक के पत्र लीक के मामले में भाजपा के ही नेता आमने-सामने हुए। जवाब: किसी अधिकारी के स्तर पर किसी छोटे कर्मचारी ने वो लेटर लीक किया था, किसी वरिष्ठ ने नहीं किया। वो एक बहुत छोटी सी घटना थी, जिसे हमने रिपेयर कर दिया है, कोई बड़ी बात नहीं है। सवाल: वक्फ जनजागरण अभियान को लेकर किस प्रकार की तैयारी है। जवाब: हमने सभी स्तरों पर सक्षम अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को लगाया है। वक्फ संशोधन विधेयक-2025 जो जेपीसी(संयुक्त संसदीय समिति) ने तय किया और वो पारित हो गया, लेकिन कांग्रेस इसके बारे में भ्रम फैला रही है। इसलिए हम जागरूकता अभियान चला रहे हैं, कि ये मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। ये बिल गरीब मुसलमानों के भले के लिए है। वक्फ की संपत्ति लेना नहीं चाहते हैं, वक्फ की संपत्ति वक्फ की ही रहेगी। जो विवाद हैं पहले इनके मामलों की ट्रिब्यूनल में सुनवाई होती थी, अब कोई ट्रिब्यूनल से संतुष्ट नहीं है, तो कोर्ट में जा सकता है। दूसरा ये कि वक्फ की संपत्ति का कोई भी निजी फायदा नहीं उठा सकेगा। मुस्लिम ही करेंगे वक्फ संपत्ति का मैनेजमेंट करेंगे। गरीब मुसलमानों के लिए चिकित्सालय समेत अन्य सुख-सुविधाओं और उनके उत्थान के लिए योजनाएं बनें, उसमें ये पैसा खर्च होना चाहिए। सवाल: पहलगाम हमले को लेकर आपने कहा कि कुछ राजनीतिक पार्टियां देश में अस्थिरता पैदा करना चाहती हैं राठौड़ ने कहा- सब जानते हैं कि धर्म पूछकर गोली चलाना, मार देना ये क्या है? केवल पुरूषों को मारना कि ये संदेश दो, ये क्या है? देश में वर्ग संघर्ष पैदा करने से अस्थिरता ही होगी। ऐसे लोगों को जो आश्रय और उनका संरक्षण कर रहे हैं, जैसे वाड्रा ने कह दिया कि वक्फ संशोधन के रिएक्शन में ये हुआ है। ये बुद्धिहीन और विवेकहीन लोग ऐसी बातें कर रहे हैं, ये देशभक्त नहीं हैं। सवाल: पूर्व सीएम गहलोत का कहना है कि प्रदेश सरकार का मूलभूत समस्याओं पर ध्यान नहीं है। जवाब: अशोक गहलोत को समझना चाहिए कि जनता की जरूरत है पानी। वसुंधरा राजे के समय ईआरसीपी की योजना बनी थी, तत्कालीन जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार को कई बार बातचीत के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने किसी को नहीं भेजा। दूसरा बिजली के लिए वर्तमान सरकार ने आते ही सोलर पैनल और विंड एनर्जी के लिए नए एमओयू किए हैं। इसके साथ ही वर्तमान सरकार के मुख्यमंत्री ने राइजिंग राजस्थान के जरिए 36 लाख करोड़ के एमओयू किए, फालना में तो खुद मैंने देखा कि काम होना शुरू हो गया है। इसके अलावा ढूंढ़-ढूंढ़कर कई नौकरियों की भर्ती निकाली है। वैकेंसी निकालकर कैलेंडर जारी कर दिया है, ताकि लोगों को रोजगार मिल सके। लोगों को बिजली-पानी-रोजगार मिल रहा है, उद्योग स्थापित हो रहे हैं। मूलभूत जरूरतें तो यहीं हैं। पहले पेपर लीक होते थे, अब कोई पेपर लीक भी नहीं हो रहा है। सब काम सही तरीके से हो रहा है। ये सब अशोक गहलोत को दिखता नहीं है, गहलोत केवल घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। वो समझ नहीं रहे हैं। उनके समय में जो अव्यवस्थाएं थीं, वो सारी जनता जानती है।