छत्तीसगढ़ के धमतरी में शुक्रवार शाम को भाजपा महिला मोर्चा ने एसडीओपी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। महिलाओं ने पुलिस के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए और घंटों तक विरोध जताया। दरअसल, मामला नक्सली इलाके के जवानों को राखी बांधने का है। हर साल की तरह इस साल भी महिला मोर्चा ने कैंप में जाकर जवानों को राखी बांधने का कार्यक्रम आयोजित किया था। महिला मोर्चा का आरोप है कि एसडीओपी ने पहले कैंप में जाने का आश्वासन दिया था। लेकिन जब वे कैंप पहुंचे, तो वहां सूचना नहीं होने की बात कही गई। इसके बाद महिलाएं बिना राखी बांधे वापस लौट आईं और एसडीओपी कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। नगरी जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष सहित भाजपा महिला मोर्चा मंडल नगरी की महिलाएं एसडीओपी कार्यालय के मुख्य गेट पर धरने पर बैठ गईं। सुरक्षा कैंप पहुंचते तो सूचना नहीं मिलने की कही गई बात भाजपा जिला अध्यक्ष प्रकाश बैश ने बताया कि तीन दिन पूर्व एसडीओपी से बातचीत की गई थी। उन्होंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी की परिपाटी है और कई सालों से जवानों को रक्षा सूत्र बांधा जा रहा है। इसके लिए बस की व्यवस्था भी की गई थी। एसडीओपी ने मेचका कैंप जाने से मना किया था। जब महिलाएं सिहावा और बिरना सिल्ली कैंप पहुंचीं, तो वहां बताया गया कि एसडीओपी ने रक्षाबंधन के लिए कोई सूचना नहीं है। जिला अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि यह संस्कृति का घोर अपमान है। एसडीओपी ने खिलवाड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में एसपी और प्रदेश के गृह मंत्री से बात कर कार्रवाई की मांग करेंगे। SDOP ने बताई ये वजहत इस मामले में SDOP शैलेंद्र पांडे ने कहा कि जिला अध्यक्ष से बात हुई थी कि नक्सल मूवमेंट है और गाड़ियों का आना-जाना ठीक नहीं है। इसलिए प्रोग्राम समय पर नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी कहा कि ऊपर से वरिष्ठ अधिकारियों और सुरक्षा की दृष्टि से नेशनल मूवमेंट होने की वजह से अंदरुनी कैंप में राखी नहीं बांधी जा सकती।