भारतमाला मुआवजा घोटाला:2021 से हर कलेक्टर से होती रही शिकायत, किसी ने नहीं कराई जांच, अब वे खुद ही जांच के घेरे में

भारतमाला प्रोजेक्ट में मुआवजे घोटाले की सुगबुगाहट 2021-22 से ही शुरू हो गई थी। अफसरों और दलालों की सांठगांठ सामने आने के बाद कई लोगों ने इसकी शिकायत तत्कालीन कलेक्टरों से की। यहां तक कि लिखित शिकायत भी की गई। जैसे-जैसे कलेक्टर बदलते गए शिकायतें भी तेज होती गई। उसके बाद भी कभी किसी कलेक्टर ने शिकायत की जांच करवाना जरूरी नहीं समझा। अब घोटाले का पूरा भांडा फूटने के बाद उस समय जिम्मेदार पदों पर बैठे कई अफसर खुद जांच के घेरे में आ गए हैं। भारतमाला प्रोजेक्ट जिस समय शुरू हुआ उस दौरान रायपुर में डॉ. एस भारतीदासन, सौरभ कुमार और डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे कलेक्टर रहे। इन तीनों के पास भी अलग-अलग स्तर पर शिकायतें पहुंची लेकिन उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया। इस वजह से कभी कोई जांच नहीं कराई। बताया जा रहा है एक कलेक्टर के कार्यकाल में यह मामला कांग्रेस के राजस्व मंत्री तक पहुंच गया था। उन्होंने कलेक्टर को इसकी जांच के लिए कहा। कलेक्टर ने मंत्री को तो भरोसा दिलाया कि जांच हो रही है, लेकिन अफसरों को बयान लेने से रोक दिया। इस आईएएस अफसर की एक जमीन दलाल के साथ जबरदस्त ट्यूनिंग थी। बिना किसी रोकटोक के जमीन दलाल उनके घर और दफ्तर आना-जाना करता था। परिवार के सदस्यों से भी उनका मिलना जुलना था। सराफा कारोबारियों से होगी पूछताछ प्रोजेक्ट में घोटाले के दौरान मोटी रकम पाने वाले अफसरों सोने खरीदने में पैसे इन्वेस्ट किए। ईओब्ब्ल्यू को इसके कई दस्तावेज मिले हैं। सराफा बाजार के दो ज्वेलर्स के नाम भी सामने आए हैं। इन दोनों कारोबारियों ने निलंबित अफसरों और जमीन दलालों की रकम सोने में निवेश कराई। एक बार गोल्ड खरीदी के बाद जब सोने की रकम में उछाल आया तो उसे बेच दिया गया। बाद में प्रॉफिट के साथ फिर बड़ी रकम सोने में निवेश की गई। सराफा कारोबारियों ने अफसरों और जमीन दलालों को भरोसा दिलाया था कि सोने की रकम एक लाख रुपए के पार होने वाली है। ब्लैक मनी को कंपनी में लगाया ईओडब्ल्यू को वे सारे दस्तावेज मिल गए हैं जिसमें निलंबित एसडीएम बाबूलाल कुर्रे की पत्नी भावना कुर्रे के साथ मिलकर हरमीत सिंह खनूजा ने कंपनी बनाई थी। इस कंपनी में आशीष तिवारी, अर्पिता मोघे और घनश्याम सोनी को भी पार्टनर बनाया गया। इसी कंपनी में सभी ने बड़ा निवेश किया। बाद में इसी कंपनी के नाम से दो बार 40-40 लाख रुपए के शेयर खरीदे गए। थोड़ा मुनाफा मिलने के बाद शेयर को बेच दिया गया। जिससे ब्लाक मनी व्हाइट होकर निवेशकर्ताओं के खाते में जमा हो गई। इसी कंपनी की रकम से नवा रायपुर और अभनपुर में दो होटल खोले गए।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *