भारतीय संस्कृति केे विरूद्ध तथाकथित राष्ट्रवादी नेताओं का काम मंजूर नहीं-बासु चटर्जी

भारतीय संस्कृति केे विरूद्ध तथाकथित राष्ट्रवादी नेताओं का काम मंजूर नहीं-बासु चटर्जी

अनूपपुर। भारतीय संस्कृति की परंपरा के अनुसार सिंदूर देने का अधिकार सिर्फ पति का होता है। भारतीय संस्कृति का ढ़िढोरा पीटने वाले तथाकथित राष्ट्रवादी नेता आगामी नौ जून से घर घर सिंदूर बांटने का अभियान चलाने की बात कर रहे हैं। यह सिंदूर वितरण का काम क्या नैतिक मूल्यों के विपरीत नहीं है, अगर ऐसा है तो राष्ट्रवादी तथाकथित नेतागण अपने इस अभियान पर पुनर्विचार करें। भारतीय संस्कृति की मर्यादा को बने रहने दें उसके साथ छेड़छाड़ करने की जुर्रत न करें। सिंदूर, जिसे सिंदूर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में कई विवाहित हिंदू महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला एक पारंपरिक लाल का पाउडर है। इसे आम तौर पर एक महिला के बालों के बीच में लगाया जाता है जिसे मांग के रूप में जाना जाता है और कभी-कभी माथे पर भी। सिर्फ एक कॉस्मेटिक आइटम से ज्यादा, सिंदूर भारतीय समाज में गहरा सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक महत्व रखता है।

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