भारत और अमेरिका डील पर चल रही बातचीत के दौरान ही एक बड़ा अपडेट सामने आया है। अमेरिकी ट्रेड प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीयर का कहना है कि भारत ने एग्रीकल्चर सेक्टर को लेकर अब तक का ‘सबसे अच्छा ऑफर’ दिया है। IANS की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी किसानों को भारत के बाजारों तक ज्यादा पहुंच मिले, इसके लिए बातचीत की जा रही है। खासकर ज्वार और सोयाबीन जैसी फसलों के लिए घरेलू मार्केट खोलने पर चर्चा हो रही है। ग्रीयर ने बताया कि अमेरिकी बातचीत टीम इस समय नई दिल्ली में है और कृषि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कर रही है। भारत कुछ फसलों के मामले में सावधानी बरत रहा है, लेकिन इस बार भारत ने अपनी ओर से बाजार खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। ग्रीयर बोले- अमेरिकी एग्री प्रोडक्ट का बड़ा मार्केट बन सकता है भारत ग्रीयर के मुताबिक भारत, अमेरिका के कृषि उत्पादों के लिए एक बड़ा और नया बाजार बन सकता है, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिकी किसानों पर चीन की मांग घटने का असर पड़ रहा है और बड़ी मात्रा में अनाज स्टॉक में पड़ा है। ग्रीयर ने यह भी कहा कि ये बातचीत उस बदलाव का हिस्सा है जिसमें अमेरिका दुनियाभर में नए बाजारों तक पहुंच बनाने की कोशिश कर रहा है। उनका कहना है कि दुनिया में मिल रहे ये नए बाजार भारत जैसे बड़े देशों से होने वाली बातचीत को मजबूत बनाते हैं। इंडिया-US खेती के अलावा भी अन्य मुद्दों पर बात कर रहे ग्रीयर ने कहा कि कृषि के अलावा दोनों देशों के बीच कुछ और मुद्दों पर भी बातचीत चल रही है। 1979 एयरक्राफ्ट एग्रीमेंट के तहत विमान के पुर्जों पर जीरो टैरिफ लगाने की बात काफी आगे बढ़ चुकी है। यानी कि अगर भारत अपने बाजार में अमेरिकी सामान को कम टैक्स के आने देगा, तो अमेरिका भी बदले में भारत के लिए वही छूट देगा। सीनेट समिति के चेयरमैन जेरी मोरन ने इस दौरान कहा कि भारत अमेरिका के मक्का और सोयाबीन से बनने वाले एथेनॉल का भी बड़ा खरीदार बन सकता है। ग्रीयर ने इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं लेकिन उन्होंने कहा कि यूरोपीय यूनियन समेत कई देशों ने अमेरिकी एथेनॉल और ऊर्जा उत्पादों के लिए अपने बाजार खोल दिए हैं और आने वाले साल में करीब 750 अरब डॉलर की खरीद का वादा किया है। भारत दौरे पर है अमेरिका की ट्रेड टीम अमेरिकी ट्रेड का यह बयान उस समय पर आया है जब अमेरिका की एक हाई लेवल ट्रेड टीम भारत के दौरे पर आई है। यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस टीम का नेतृत्व अमेरिकी डिप्टी ट्रे़ड प्रतिनिधि रिक स्विट्जर कर रहे हैं। अब इस दौरे का मकसद है कि दोनों देश नई द्विपक्षीय ट्रेड डील की फर्स्ट स्टेज को आखिरी रूप देने की कोशिश करें। यानी कि वो डील जो भारत-अमेरिका के बीच लंबे समय से चर्चा में थी, उसे पूरा करने की दिशा में कदम बढ़े। पिछले कुछ महीनों में, भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ता काफी खटास भरा रहा। अमेरिका ने भारत के हाई टैरिफ और ट्रेड घाटे की वजह से 25% टैरिफ लगाया है। इस वजह से दोनों देशों को एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट में परेशानी हुई थी। अमेरिका को लगता है कि दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलित है। भारत, अमेरिका को ज्यादा चीजें बेचता है और अमेरिका, भारत को उतनी चीजें नहीं बेच पाता। इस अंतर को कम करने के लिए भी यह टैरिफ लगाया गया है। ———— यह खबर भी पढ़ें… ट्रम्प बोले- भारत के कारण अमेरिकी किसानों को घाटा:सस्ता चावल भेज रहा, जिससे उन्हें सही दाम नहीं मिल रहा; एक्स्ट्रा टैरिफ लगाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका भारत से आने वाले चावल और कनाडा से आने वाली खाद पर एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने पर विचार कर रहा है। उनका कहना है कि दूसरे देशों से आने वाला सस्ता सामान अमेरिकी किसानों को नुकसान पहुंचा रहा है। पढ़ें पूरी खबर…


