भीलवाड़ा में गुलाब देकर ट्रैफिक नियम समझाए:हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने की अपील की, अभी समझाइश बाद में सख्ती

सरकार के दो साल पूरे होने पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के तहत भीलवाड़ा में आरटीओ ओर पुलिस ने यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अनोखी पहल की। कंट्रोल रूम के बाहर आरटीओ अधिकारियों ओर पुलिसकर्मियों ने वाहन चालकों को गुलाब का फूल देकर हेलमेट और सीट बेल्ट लगाने की अपील की। अभी इसे अभियान के रूप में चलाया जाएगा ओर बाद सख्ती की जाएगी। जागरूकता बढ़ाने की मुहिम भीलवाड़ा में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए आरटीओ ओर यातायात पुलिस ने ने अनूठी पहल की है। आरटीओ रामकृष्ण चौधरी, यातायात डिप्टी मनीष, ट्रैफिक इंस्पेक्टर बाबूलाल के निर्देशन में पुलिसकर्मियों ओर आरटीओ इंस्पेक्टर ने वाहन चालकों को गुलाब का फूल देकर यातायात नियमों का पालन करने की अपील की। यातायात नियमों की पालना करना अनिवार्य जिला परिवहन अधिकारी आर के चौधरी ने बताया कि सरकार के 2 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष में राज्य भर में जो कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं उसी कड़ी में परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है। इस पखवाड़े में हमारा यह प्रयास रहेगा कि लोगों को यातायात नियमों के पालन के लिए समझाइश की जाए। इसी कड़ी में आज हमने पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर लोगों को यातायात नियमों के पालन करने के लिए समझाया है,जो लोग पालन कर रहे हैं। उन्हें फूल लेकर सम्मानित कर रहे हैं साथ ही लोगों को समझाइश की जा रही है कि यातायात के नियमों की पालन करना अनिवार्य है। अभी समझाइश-बाद में सख्ती ट्रैफिक डिप्टी मनीष सिंह ने बताया की आरटीओ के साथ-साथ ट्रैफिक पुलिस भी सहयोग कर रही है। अभी समझाइश का दौर है इनको फूल देकर समझाइश की जा रही उसके बाद भी अगर नहीं मानते हैं तो नियमानुसार उनके खिलाफ एम वी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिसकर्मियों ने वाहन चालकों को समझाया कि सीट बेल्ट लगाने से वाहन के सभी सुरक्षा फीचर सही काम करते हैं। वहीं हेलमेट सड़क हादसे के दौरान करीब 80% चोटों को कम करता है। इसलिए सड़क सुरक्षा और जीवन रक्षा के लिए इन नियमों का पालन जरूरी है। कंट्रोल रूम के बाहर चलाया अभियान कंट्रोल रूम के बाहर पुलिस ने फूल देकर लोगों को हेलमेट लगाने, सीट बेल्ट बांधने और सभी यातायात नियमों का पालन करने की अपील की। अभियान का उद्देश्य है- लोगों को दंड से पहले जागरूक करना, ताकि सड़क हादसों में कमी आए और सुरक्षित यातायात संस्कृति विकसित हो।

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