भोपाल ईडी की 110 करोड़ के फर्जी लोन पर कार्रवाई:नारायण निर्यात और 14 सहयोगी कंपनियों ने अंबिका साल्वेक्स और प्रापर्टी में लगाया था पैसा

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल ने नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके डायरेक्टर समेत 14 कंपनियों के विरुद्ध 110 करोड़ के फर्जी लोन घोटाले में अभियोजन शिकायत दर्ज की है। यूको बैंक से लिए गए इस लोन को अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड की विभिन्न ग्रुप कंपनियों के माध्यम से आपस में घुमाया गया। जिससे फर्जी व्यवसायिक गतिविधियों का दिखावा किया जा सके। लोन की राशि को व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट लाभ के लिए डायवर्ट किया गया। इसमें अचल संपत्तियों में निवेश, नकद निकासी और संबंधित कंपनियों के जटिल नेटवर्क के जरिए धन छिपाकर मनी लॉन्ड्रिंग की गई। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उसके डायरेक्टर कैलाश चंद्र गर्ग और 14 अन्य कंपनियों व व्यक्तियों के खिलाफ पीएमएलए 2002 के अंतर्गत अभियोजन शिकायत दर्ज की है। यह शिकायत इंदौर स्थित विशेष पीएमएलए न्यायालय में 17 नवंबर 2025 को दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने 5 दिसंबर को संज्ञान ले लिया है। फर्जी निर्यात के नाम पर ₹110.50 करोड़ का लोन ईडी की जांच में सामने आया कि कैलाश चंद्र गर्ग द्वारा नियंत्रित कंपनी नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने लेटर्स ऑफ क्रेडिट (LC) और एक्सपोर्ट पैकिंग क्रेडिट (EPC) के माध्यम से यूको बैंक के नेतृत्व वाले बैंक कंसोर्टियम से लगभग ₹110.50 करोड़ का फर्जी लोन प्राप्त किया। इन पैसों को वैध व्यापार और निर्यात कार्यों के लिए बताया गया था, लेकिन जांच में यह साबित हुआ कि न तो कोई वास्तविक खरीद हुई और न ही कोई निर्यात किया गया। इसके बजाय यह धन अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड की विभिन्न ग्रुप कंपनियों के माध्यम से आपस में घुमाया गया, जिससे फर्जी व्यवसायिक गतिविधियों का दिखावा किया जा सके। जमीन-जायदाद में निवेश और नकद निकासी ईडी के अनुसार, इस लोन की राशि को व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट लाभ के लिए डायवर्ट किया गया। इसमें अचल संपत्तियों में निवेश, नकद निकासी और संबंधित कंपनियों के जटिल नेटवर्क के जरिए धन को छिपाकर मनी लॉन्ड्रिंग की गई। इस मामले में ईडी पहले ही दो अस्थायी कुर्की आदेश (Provisional Attachment Orders) जारी कर चुकी है। जिसके तहत ₹27.67 करोड़ मूल्य की 37 अचल संपत्तियां जब्त की गई हैं। ईडी ने यह जांच सीबीआई, एसी-IV, व्यापम, भोपाल द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। सीबीआई ने इस मामले में संबंधित कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है। ईडी ने बताया है कि इस मामले में आगे की जांच अभी जारी है और आने वाले समय में और भी खुलासे हो सकते हैं।

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