हिमाचल प्रदेश के मंडी में प्राकृतिक आपदा के बाद एसडीआरएफ का राहत और बचाव कार्य जारी है। टीम घरों तक राशन और मेडिकल किट पहुंचा रही है। इसके लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है। 30 जून की रात आई आपदा के बाद एसडीआरएफ की टीम सबसे पहले पंडोह से थुनाग पहुंची थी। एक जुलाई को एसडीआरएफ जवान बगस्याड पहुंचे। रास्ते में गिरे पेड़ों को हटाया। अगले दिन पैदल चलकर थुनाग पहुंचे। सैटेलाइट फोन से नुकसान की जानकारी जिला प्रशासन को दी। 3 जुलाई को टीम जंजैहली पहुंची। इसी दिन 12 जवानों की एक और टीम लापता लोगों की खोज के लिए थुनाग भेजी गई। लापता लोगों की तलाश जारी
एक टीम पंडोह डैम से पटीकरी तक लापता लोगों की तलाश में लगी है। एक टीम ड्रोन ऑपरेशन के लिए थुनाग में तैनात है। जंजैहली में तैनात टीम ने रूशाड़ गांव में पांडवशिला से लंबाथाच तक खोज अभियान चलाया। ड्रोन की मदद से लंबाथाच पंचायत के लेह नकतेरा गांव में दवाइयों की किट पहुंचाई गई। थुनाग क्षेत्र के दो गांवों में भी प्राथमिक चिकित्सा किट और दवाइयां भेजी गईं। कार्गो ड्रोन से 15 किलोग्राम की राहत सामग्री जंजैहली के बायला गांव तक पहुंचाई गई। थुनाग की ड्रोन टीम ने केओली पंचायत के भगैड़ा और चियूणी पंचायत के घयारधार में दवाइयां और फर्स्ट एड किट पहुंचाई। थाच गांव में राशन किट और दवाइयां तथा जांशल पंचायत में दवाइयों की किट भेजी गई। एसडीआरएफ थुनाग के देजी और पंडोह से पटीकरी में भी खोज अभियान चला रही है।