मंत्री विजय शाह केस- सुप्रीम कोर्ट ने SIT बनाई:माफी नामंजूर, लेकिन गिरफ्तारी पर रोक; शाह ने कर्नल सोफिया पर कमेंट किया था

कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान देने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की माफी सुप्रीम कोर्ट ने नामंजूर कर दी है। कोर्ट ने मामले की जांच के लिए SIT बनाने का निर्देश दिया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी है। शाह के वकील ने कहा कि उनके क्लाइंट ने माफी मांग ली है। इस पर कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि आप लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। आप पब्लिक फिगर हैं। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाने के आदेश दिए। इसमें तीन IPS अधिकारी होंगे, जिनमें एक IG और बाकी दो SP लेवल के अफसर होंगे। इनमें एक अधिकारी महिला होना अनिवार्य होगा। सभी अफसर मध्य प्रदेश कैडर के हो सकते हैं, लेकिन राज्य के मूल निवासी नहीं होने चाहिए। SIT 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को शाह के बयान पर नोटिस लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ इंदौर के महू थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। पढ़ें विजय शाह का पूरा बयान…
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था, ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा।’ शाह ने आगे कहा- ‘अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा, कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है, तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं।’ बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन और अन्य जानकारियां दे रहे थे। कोर्ट की टिप्पणी सुनकर हमारे पास बोलने के लिए कुछ था ही नहीं- तन्खा कांग्रेस से राज्यसभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील विवेक तन्खा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के वक्त कोर्ट रूम में ही मौजूद थे। कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने पीटीआई से बात करते हुए कहा कि विजय शाह पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी सुनकर हमें एहसास हुआ कि हमारे पास बोलने के लिए कुछ नहीं है, क्योंकि कोर्ट खुद ही पार्टी से बात कर रहा था। नेता प्रतिपक्ष बोले- अब तो विजय शाह से तत्काल इस्तीफा लेना चाहिए मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं। जिस तरह से कोर्ट ने टिप्पणी की कि ये जो आपका कृत्य है माफी के योग्य नहीं है। लेकिन बीजेपी को लगता है कि ये कृत्य माफी योग्य है, इसीलिए मंत्री पद से इस्तीफा नहीं लिया। सभी को दिख रहा है कि बयान माफी योग्य नहीं है। अगर बीजेपी सुप्रीम कोर्ट के आदेश या टिप्पणी को गंभीर मानती है, तो तत्काल विजय शाह का इस्तीफा लेना चाहिए। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था, FIR के आदेश दिए मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बताया था। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश के डीजीपी को मंत्री शाह पर एफआईआर के निर्देश दिए थे। जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बेंच ने मंत्री विजय शाह की भाषा को गटर जैसी बताया था। सुप्रीम कोर्ट की LIVE सुनवाई पढ़ने के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए…

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