आइस फैक्ट्री के पास काफी घर हैं। फैक्ट्री की दीवार भी इन घरों के साथ लगती है। अमोनिया गैस के जानकारों ने बताया कि अगर फैक्ट्री चल रही थी और अभी बंद हुई है तो उसमे काफी अमोनिया गैस होगी। गैस को खाली करवाने के दौरान आसपास के घरों को खाली करवाया जा सकता है, क्योंकि थोड़ी-सी भी लीकेज से बड़ा हादसा हो सकता है। इसलिए पूरी एहतियात रखनी होगी। जालंधर में 10 के करीब ऐसे इलाके हैं। जहां आइस फैक्ट्री हैं। इनमें से कई चल रही हैं। सुरिंदर सिंह | जालंधर मकसूदां इलाके के आनंद नगर में घरों के बीच चल रही कुलदीप आइस फैक्ट्री को जल्द ही शिफ्ट किया जा सकता है। शिकायत के बाद जिला प्रशासन ने मामले की जांच के लिए 6 अधिकारियों की कमेटी गठित कर दी है। आनंद नगर के निवासी सीए हरमिंदर सिंह मक्कड़ ने 13 फरवरी 2024 को जालंधर के डीसी ऑफिस को लिखा था कि फैक्ट्री रिहायशी एरिया में चल रही है। इसमें अमोनिया का इस्तेमाल होता है। फैक्टरी प्रदूषण नियंत्रण नियमों तथा सुरक्षा को लेकर नियमों का उल्लंघन कर रही है। सोमवार 10 मार्च को ये कमेटी अब मौके पर जाकर जांच करेगी। डिप्टी डायरेक्टर फैक्टरी गुरजंत सिंह ने कहा कि मौके पर विजिट करके ही कमेटी रिपोर्ट तैयार करेगी। उसके बाद डीसी को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। जिला प्रशासन की इस कमेटी में नोडल अधिकारी एसडीएम-2 को लगाया गया है। सीपी, जॉइंट कमिश्रर नगर निगम, डिप्टी डायरेक्टर फैक्ट्री जालंधर-2, पीपीसीबी के एक्सईएन और वेरका के जनरल मैनेजर शामिल हैं। सीए की शिकायत के बाद डीसी दफ्तर के आदेश पर 24 फरवरी को बिजली कनेक्शन काट दिया गया। 6 मार्च को गठित की गई कमेटी को 7 दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार करनी होगी। आइस फैक्ट्री से गैस निकालने के लिए अमोनिया गैस की एक्सपर्ट टीम वेरका के पास है। इसमें वेरका की टीम की सहायता ली जा सकती है, क्योंकि गठित की गई कमेटी में वेरका के जनरल मैनेजर को बतौर मेंबर रखा गया है। अमोनिया गैस से दो बड़े हादसे भी हुए थे, जिसमे से एक कैंट और दूसरा दमोरिया पुल। जिसमे एक व्यक्ति की जान भी चली गई थी।