अमृतसर मजीठा रोड पर नारी निकेतन के पास 3 पुरानी सरकारी बिल्डिंगों को तोड़कर 48 हजार स्क्वेयर फीट में 5 मंजिला वर्किंग वुमन हॉस्टल बनाने के लिए केंद्र-राज्य सरकार से अप्रूवल मिल गई है। बाहरी एरिया 7 कनाल होगा जो बाउंड्री व वाहन पार्किंग के लिए है। काम पूरा करने की डेडलाइन 31 मार्च 2026 तक निर्धारित की गई है। मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में सिंगल-डबल और डॉरमेट्री बेडरूम बनाए जाएंगे। हॉस्टल 150 बेड का होगा, जिसके लिए 27.14 करोड़ का फंड भी जारी कर दिया गया है। इसमें 60 फीसदी केंद्र तो 40 फीसदी रकम राज्य सरकार की लगेगी। 4 साल पहले कांग्रेस सरकार में 7.18 करोड़ से 8489.31 स्क्वेयर फीट में हॉस्टल बनाया जाना था। इसमें 75 फीसदी सरकार तो 25 फीसदी एनजीओ की तरफ से फंड लगाने का प्लान तैयार किया गया था। इसलिए सिरे नहीं चढ़ पा रहा था। दरअसल, सरकार चाह रही थी कि एनजीओ की तरफ से यह हॉस्टल चलाया जाए लेकिन 25 फीसदी रकम लगाने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ। इसके बाद नए सिरे से इसका प्रस्ताव बनाकर केंद्र-राज्य सरकार को भेजा गया। जिसे मंजूरी मिल चुकी है और अब डिजाइन तैयार कराया जा रहा है। इस पहल से उन कामकाजी महिलाओं को काफी मदद मिलेगी। वर्किंग वुमन हॉस्टल में कमरा बुक कराने को लेकर एक कमेटी का गठन किया जाएगा। जो महिलाओं की तरफ से आए आवेदनों पर विचार करेगी। चूंकि 150 से अधिक आवेदन आए तो यह देखना होगा कि किस महिला को कमरा लेने की कितनी जरूरत है। वह इसके लिए पात्र है भी या नहीं। यदि कमरे खाली पड़े हैं, कोई महिला कितनी जरूरतमंद है इसे ध्यान में रखते हुए रूम अलॉट करने का अंतिम अधिकार डीसी के पास होगा। डीसी चाहे तो अपने रिकमंड पर जरूरतमंद महिला को कमरा अलॉट कर सकेंगी। डिस्ट्रिक प्रोग्राम अफसर (डीपीओ) सुमनदीप कौर ने बताया कि 31 मार्च 2026 तक हॉस्टल बनाकर पूरा करने का प्लान तैयार किया गया है। प्राइवेट-सरकारी कोई भी जॉब महिला कर रही हो और 35 हजार रुपए तक सैलरी हो तो हॉस्टल में रूम लेने के लिए पात्र होगी। हालांकि यदि इससे अधिक सैलरी है और कमरे खाली पड़े हैं तो देने का अधिकार डीसी के पास रहेगा। अविवाहित, विधवा, तलाकशुदा व अन्य जरूरतमंद महिलाओं को दिया जाएगा। डिसएबिलिटी होने पर आरक्षण का प्रावधान भी रहेगा। यह पहल कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित और किफायती आवास प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। हॉस्टल में कमरा लेने को कमेटी के पास करना पड़ेगा आवेदन .हॉस्टल में 0 से 5 साल के लड़के तो 18 साल तक की लड़कियां अपनी मां के साथ रह सकेंगी। 5 साल तक के बच्चों के लिए डे-केयर सेंटर बनाया जाएगा। जिसमें महिलाओं के काम पर जाने के बाद बच्चों की देखरेख की बेहतर व्यवस्थाएं होंगी। इसमें करीब 25 से 30 बच्चे एकसाथ रखे जा सकेंगे। यह व्यवस्था कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल को और भी सुविधाजनक और आकर्षक बनाती है। सिंगल बेड का किराया महिला की सैलरी का 5 फीसदी तो डबल बेड का लेने पर सैलरी का 10 फीसदी और डारमेट्री करीब 7 बेड कमरे में होंगे उसमें सैलरी का 7 फीसदी किराया देना होगा। . हॉस्टल में महिलाओं के लिए सेपरेट वाहन पार्किंग होगी। जिसमें टू और फोर ह्वीलर पार्क करने की सुविधा होगी। यह सुविधा उन महिलाओं के लिए बहुत उपयोगी होगी जो काम पर जाने के लिए अपने वाहन का उपयोग करती हैं। देश के किसी भी राज्य से महिला गुरुनगरी में काम कर रही है और सैलरी 35 हजार तक है तो कमरा ले सकेगी। . महिलाओं की सुरक्षा के मद्देनजर एक बड़ा एंट्री गेट और चेक पोस्ट बनाया जाएगा। रजिस्टर में एंट्री करने के बाद हॉस्टल में आने-जाने की परमिशन मिलेगी। जहां से आने-जाने वाले सभी लोगों की निगरानी की जा सकेगी । .महिला बाल विकास विभाग का दफ्तर भी इसी जगह होगा। यदि सरकार ने आगे कोई बदलाव नहीं किया तो अफसर-मुलाजिम हॉस्टल के पास ही अपने अलग दफ्तर में काम करेंगे। इसके अलावा दूसरा विकल्प यदि चेंज किया तो मिनी सचिवालय में शिफ्ट किया जा सकता है फिलहाल, यही योजना है कि विभाग का दफ्तर हॉस्टल के नजदीक ही रहेगा। . हॉस्टल के पास हरियाली को लेकर पौधे लगाने के अलावा गमले व घास भी तैयार कराए जाएंगे। बच्चों के खेलने को लेकर पर्याप्त स्पेस रहेगा। मजीठा रोड पर महिला एवं बाल विकास विभाग के इस बिल्डिंग को तोड़कर बनाया जाएगा वर्किंग वुमन हॉस्टल। ^वर्किंग वुमन हॉस्टल को लेकर तेजी से काम चल रहा है। सरकार द्वारा निर्धारित डेडलाइन में काम पूरा कराया जाएगा। हॉस्टल महिलाओं की सभी तरह की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनवाया जा रहा है। अफसरों को निर्देश दिया है कि जो भी काम कराएंगे उसकी रिपोर्ट समय-समय पर शेयर करें। -साक्षी साहनी, डीसी शुभेंद्रु शुक्ला |