मनेंद्रगढ़ शहर में गंदे पड़े 17 कुओं की सफाई:पेयजल और निस्तार के लिए प्रशासन की पहल; स्थानीय लोगों ने जताया आभार

मनेंद्रगढ़ शहर में पेयजल और निस्तार की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिमा यादव ने अनोखी पहल की है। प्रशासन के सहयोग से उन्होंने पुराने और खत्म हो चुके कुओं की साफ-सफाई कर उन्हें उपयोगी बनाने का विशेष अभियान शुरू किया है। नगर पालिका क्षेत्र में स्थित कई वार्ड नंबर 02, 05, 11, 16, 15 सहित लगभग 17 सार्वजनिक कुओं की साफ-सफाई और आवश्यक मरम्मत कराया जाएगा। जिससे कि वह पेयजल और निस्तार के लिए उपयोगी बन सके। वहीं, इस पहल का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया है। संक्रामक बीमारियों से बचने सफाई जरुरी नपाध्यक्ष प्रतिमा यादव ने बताया कि गर्मी में लोगों को पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इन कुओं की साफ-सफाई कराया जा रहा है। ताकि लोग इसका उपयोग कर सकें। उन्होंने बताया कि कई कुओं का पानी बहुत अच्छा है पहले लोग इसका पानी पीने के लिए उपयोग करते थे। नियमित साफ-सफाई न होने तथा कुओं में कुड़ा-करकट, पालीथीन, पेड़ों के पत्ते लगातार गिरने की वजह से ये कुएं मृतप्राय हो गए थे। इससे कुओं में पड़ी गंदगी पानी में घुलकर भू-जल स्त्रोत में मिलती है, इससे हैंडपंप, बोरवेल का पानी दूषित होता है, कई संक्रामक बीमारियां उत्पन्न होती है। पीलियां, हैजा का मुख्य कारण दूषित जल है। इससे बचाव के लिए जरूरी है कि गंदगी से बचाना जरुरी है। 25 साल बाद हो रही सफाई वार्ड नंबर तीन की स्थानीय महिला चंदा देवी शर्मा ने बताया गया कि मेरे घर के सामने स्थित इस कुआं की सफाई 25 साल बाद हो रही है। नगरपालिका बहुत अच्छा काम कर रहा है। इससे पानी साफ हो जाएगा। यहां पूरे मोहल्ले के लोग नहाने और कपड़ा धोने आते हैं। अब इस कुएं का पानी पीने लायक हो जाएगा। यह मनेंद्रगढ़ का सबसे पुराना कुआं है जब गर्मी में पानी की कमी होती है तो लोग यहां का पानी लेने आते हैं।​​​​​​​ कचरे से पटे कुओं की सफाई मौके पर मौजूद विधायक प्रतिनिधि सरजू यादव के बताया गया कि क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर शहर के सभी कुओं का सर्वे कराया तो उसमे 38 कुआं जो कचरे से पटे थे उनको हमने चिन्हित किया जिनकी स्थिति बिल्कुल दयनीय हों चुकी है। शहर में जितने भी जल स्रोत है कुआं के चाहे वह 48 फिट गहरा हो चाहे 24 फिट गहरा हो चाहे 16 फिट घर हो सब को साफ सुथरा करके उसकी गंदगी को निकाला गया ताकि वाटर लेबल बना रहे।

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