मन की विकलांगता ही बड़ी होती है

भास्कर न्यूज|लुधियाना एसएस जैन सभा नूरवाला रोड के तत्वावधान में जैन स्थानक नूरवाला रोड पर भगवान श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ कल्याणक कथा का आयोजन 7वें दिन भी जारी रहा। भगवान पार्श्वनाथ कल्याणक के उपलक्ष्य में जैन स्थानक में 3 दिवसीय अखंड जाप का आयोजन किया गया। वहीं, कथा के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए महासाध्वी सुशील कुमारी महाराज ने फरमाया कि भगवान पार्श्वनाथ ज्ञान के महासागर थे। साध्वी जी ने कहा कि शरीर की विकलांगता से बड़ी है मन की विकलांगता है। अपने मन को कभी कमजोर न होने दो। उन्होंने केवल ज्ञान के प्रकाश से सभी जीवों को मंगलमय सूत्र दिए। भगवान की वाणी भव, परभव, भव भवांतर सुखमय बनाती है। महासाध्वी जी ने कहा कि मिठास की अनुभूति पाने के लिए दांतों में दबी नमक की डली का त्याग जरूरी है। 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए साध्वी रतन शुभिता महाराज ने कहा कि हम सब भगवान के महाजीवन से कुछ न कुछ ग्रहण करना चाहिए। साध्वी जी ने कहा कि अगर हीरा बन कर चमकना है तो चुनौतियों से कभी भी हार मत मानो। खुद को कीमती बनाने के लिए बेशकीमती काम करते रहना चाहिए।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *