महाकाल की निकली सवारी, 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे:उज्जैन में चंद्रमौलेश्वर, मनमहेश और शिव-तांडव स्वरूप में दर्शन; मंदसौर में पशुपतिनाथ ने जाना प्रजा का हाल

श्रावण मास के तीसरे सोमवार को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। विनायक चतुर्थी होने के कारण भगवान महाकाल का गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया है। उज्जैन के साथ प्रदेश के अन्य शहरों में भक्त बाबा भोलेनाथ का पूजन-अभिषेक करने पहुंचे। उज्जैन में शाम को महाकाल की तीसरी सवारी मंदिर से निकली। इसमें भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजित हुए, जबकि भगवान श्री मनमहेश को हाथी पर और श्री शिव-तांडव की प्रतिमा को गरूड़ रथ पर विराजित किया गया। सवारी शिप्रा घाट पर पहुंची। यहां भगवान का पूजन किया गया। इसके बाद सवारी वापस मंदिर पहुंची। इससे पहले सवारी शुरू पर पूर्व मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। इसके बाद पालकी में विराजित भगवान को मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल ने सलामी दी। सवारी में घुड़सवार पुलिस, सशस्त्र बल, होमगार्ड के जवान, भजन मंडली, झांझ मंडली व पुलिस बैंड भी शामिल रहे। इधर, मंदसौर में भगवान पशुपतिनाथ शाही पालकी में सवार हुए। अकोदिया में 100 से अधिक महिलाओं ने अपने घर में बर्फ जमाकर छोटे-छोटे शिवलिंग बनाए। एक बड़ा शिवलिंग भी बर्फ से बनाया गया। बाबा अमरनाथ की तरह बर्फ के ज्योतिर्लिंग की पूजा की गई। देखिए तस्वीरें बाबा ओंकार को मेवा प्रसादी का भोग
वहीं, खंडवा में भगवान ओंकारेश्वर का नर्मदा जल से अभिषेक किया गया। विशेष श्रृंगार के बाद गुलाब के फूल, बिल्व पत्र चढ़ाए गए। मंगला आरती के दौरान बाबा ओंकार को मेवा प्रसादी का भोग लगाया। रायसेन में भोजेश्वर महादेव को 5 क्विंटल फूल, धतूरे, बिल्व पत्र और आम के पत्तों के साथ नागेश्वर स्वरूप में सजाया गया है। टीकमगढ़ के शिव धाम, कुंडेश्वर में सवा किलो भांग से शिव का आकर्षक श्रृंगार किया गया। शाम को महाआरती की गई। सीहोर के कुबेरेश्वर महादेव के दर्शन के लिए लोग बारिश में भीगते पहुंचे। खबर के मिनट टु मिनट अपडेट के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए।

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