महादेव ने आम को फलों का राजा होने का वरदान दिया

भास्कर न्यूज|लुधियाना सिद्ध श्री दुर्गा माता मंदिर, नसीब एनक्लेव, हैबोवाल में श्रीमद् देवी भागवत कथा के आठवें दिन गुरुवार को आचार्य श्री हरी जी महाराज ने कथा प्रवाह को आगे बढ़ाया। उन्होंने बताया कि प्राचीन काल में जब भगवान शिव ने समस्त वृक्षों और फलों को आशीर्वाद देने का संकल्प लिया, तब आम के वृक्ष की विनम्रता से प्रसन्न होकर उसे फलों का राजा होने का वरदान दिया। महादेव ने कहा कि आम का फल मधुर, सुगंधित और अमृत समान होगा, जिसे ग्रहण करने पर आनंद की अनुभूति होगी। तभी से आम को सर्वोत्तम फल माना जाता है। आचार्य श्री हरी जी महाराज ने कहा कि आम का वृक्ष केवल स्वादिष्ट फल ही नहीं देता, बल्कि यह सनातन धर्म में भी विशेष स्थान रखता है। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी इसे अत्यंत प्रिय मानते हैं, वहीं श्रीगणेश की पूजा में आम के फल और पत्तों का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब कोई शुभ कार्य किया जाता है, तब कलश की स्थापना की जाती है, जिस पर आम के पत्ते विशेष रूप से सजाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि शास्त्रों के अनुसार, कलश सृष्टि की ऊर्जा का प्रतीक है, जो भगवान विष्णु के तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। उसमें रखा जल गंगाजल का स्वरूप माना जाता है और उसके ऊपर रखे आम के पत्ते सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं। वैज्ञानिक दृष्टि से भी आम के पत्ते वायु को शुद्ध करने और नकारात्मकता दूर करने की क्षमता रखते हैं। कलश पर श्रीफल (नारियल) रखने की परंपरा के पीछे भी गहरा आध्यात्मिक अर्थ है। श्रीफल को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है, और इसे कलश पर रखने से घर में समृद्धि का आगमन होता है। आम के पत्तों को कलश पर सजाने से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और वातावरण पवित्र बना रहता है। श्रीमद् देवी भागवत कथा में आचार्य श्री हरी जी महाराज ने बताया कि आम का वृक्ष केवल फल, पत्तों या टहनियों के कारण महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसका हर भाग आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण है। महादेव के आशीर्वाद के कारण यह न केवल फलों का राजा बना, बल्कि इसका उपयोग हर धार्मिक कार्य में किया जाने लगा। कथा में श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे और धार्मिक प्रवचनों का श्रवण किया। आरती कर प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में विजय जैन, चेयरमैन नरवेद बंसल, राजेश अग्रवाल, अमृत लाल, रवि विग, चेतन विग, तिलक राज जैन, पंडित देव राज शास्त्री एवं श्रद्धालुगण मौजूद रहे।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *