महामंत्री पर दर्ज थे 19 मामले फिर भी मिल गई कमान, अध्यक्ष पर दो मामला फिर भी मिला पद
भाजपा नेताओं का दोहरा मापदंड, पार्टी में खी और मी का दौर
(अनुपम सिंह)
अनूपपुर। अपराध मुक्त व स्वच्छ राजनीति का मुद्दा अक्सर सुर्खियों में रहता है, और सभी राजनीतिक पार्टियां मौखिक रूप से राजनीति में अपराध व अपराधियो के प्रवेश रोकने का समर्थन करती है लेकिन जब वास्तव में जब पार्टी में टिकट देना हो संगठन में पदाधिकारी बनाना हो तो सभी राजनीतिक दल उस सिद्धान्त को तिलांजलि देने में कोई परहेज नही करते है? इन दिनों मध्यप्रदेश में भाजपा संगठन के चुनाव की प्रक्रिया चल रही है जिसमे मंडल अध्यक्षो का चुनाव होना है अनूपपुर जिले में भी संगठन की चुनावी प्रक्रिया व नेताओं का आरोप प्रत्यारोप चरम पर है ऐसा लगता है कि जिला भाजपा चुनाव से पहले दावेदारो में बच्चो की तरह खिट्टी मिट्ठी का दौर जारी है। अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ विधानसभा अंतर्गत वेंकटनगर मंडल के मंडल महामंत्री ने अपने पद और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की एक पोस्ट 2 दिन पहले सोषल मीडिया में की थी और एक भाजपा पदाधिकारी पर उसे अपराधी कहने की बात कही थी उससे आहत होकर वह भाजपा छोड़ रहे है, उन्होंने अनौपचारिक बातचीत में बताया कि सदस्यता अभियान के तहत उनके द्वारा बनाए गए सदस्यों की रशीद नही काटी गई थी उनके द्वारा रशीद काटे जाने की बात कहने पर उन्हें अपराधी कहा गया और बोला गया कि तुम्हारे द्वारा बनाए गए सदस्यों को सदस्य नही बनाया जाएगा। लेकिन दो दिन बाद मंडल महामंत्री आशीष पांडेय ने सोषल मीडिया पर अपनी दूसरी पोस्ट डाली जिसमे जैतहरी थाने के द्वारा एक सूचना के अधिकार की जानकारी के तहत वेंकटनगर मंडल अध्यक्ष विजय राठौर के ऊपर दर्ज मामलो का जिक्र है। अनूपपुर जिले में मंडल अध्यक्षो का चुनाव इससे पूर्व वर्ष 2019 में कराया गया था तब वेंकटनगर मंडल अध्यक्ष कोई भी अपराध पंजीबद्ध नही था लेकिन 2022 में विजय सिंह राठौर पर 2 मामले दर्ज हुए है। जबकि आशीष पांडेय पर वर्ष 1994 से 2016 तक 19 मामले दर्ज किए गए है। भाजपा के मंडल अध्यक्ष व निवर्तमान मंडल महामंत्री पर दर्ज मामलो में कितनो में इनको दोषमुक्त किया गया है या सजा हुई है इसका प्रमाण तो मंडल अध्यक्ष व निवर्तमान मंडल महामंत्री ही दे सकते है।

लेकिन विचारणीय प्रश्न यह है कि चाल- चरित्र व चेहरे का स्लोगन देने वाली पार्टी के 2019 से अब तक के जिले के मुखियाओं ने आशीष पांडेय को मंडल महामंत्री के पद से कैसे नवाज दिया व 2022 में विजय सिंह राठौर पर अपराध पंजीबद्ध होने पर उन्हें अभय दान कैसे दिए रखा और अगर वर्तमान में भाजपा के जिस पदाधिकारी ने आशीष पांडेय को आरोपी/अपराधी होने के आधार पर उनके द्वारा सदस्यता दिलाए गए सदस्यों को सदस्यता दिलाने से इनकार कर दिया तो विजय सिंह राठौर के बनाए गए सदस्यों को कैसे सदस्यता दिला दी….
विजय सिहं राठौर पर यह मामले हुए थे पंजीबद्ध अपराध क्र 27/22 धारा 294, 323, 506, 427, 34 ताहि व अपराध क्र 161/22 धारा 379, 414 ताहि 4/21 खान खनिज (विकास का विनियमन अधि.) एंव 146/181,192 (3)/196, 3, 39, 5 एम व्ही एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया गया था। इस मामले में अपनी सफाई देते हुए विजय राठौर ने बताया कि मुझे उपरोक्त अपराधो में माननीय न्यायालय ने मुझे दोष मुक्त कर दिया है। इसके पक्ष में विजय सिंह राठौर ने दस्तावेज आर्यावर्त समाचार पत्र को उपलब्ध कराये है।
आशीष पांडेय पर यह मामले हुए थे पंजीबद्ध
अपराध क्रमांक 1- अपराध क्रमांक 35/1994 धारा 294, 2011 धारा 294, 323, 506 ताहि, अपराध क्रमांक10-18/2006 धारा 341, 294, 323, 506 ताहि., अपराध क्रमांक 11-थाना पेंड्रा अप. क्र. 229/2000 धारा 292 ताहि, अपराध क्रमांक 12- अपराध क्रमांक इश्त.क्र. 04/2003 धारा 110 324, 341, 34 ताहि., जा०फौ०, अपराध क्रमांक 13- अपराध क्रमांक 2 अपराध क्रमांक 170/96, 13 जुआंत एक्ट, अपराध क्रमांक 3-अपराध क्रमांक 168/97,13 जुआं एक्ट, अपराध क्रमांक 4 में अपराध क्रमांक 177/99 धारा ना 294, 323, 506 ताहि., ना अपराध क्रमांक 5 – अपराध क्रमांक 120/99 धारा 147, न 148, 149, 302 ताहि, अपराध क्रमांक 6- अपराध क्रमांक 26/2003 धारा 294, 323, 327, 34 ताहि अपराध क्रमांक 7-अपराध क्रमांक 89/2004 धारा 323, 506, 34 ताहि, अपराध क्रमांक 8 अपराध क्रमांक 24/2005 5 धारा 341, 353, 332, 186, 333 ताहि, अपराध न क्रमांक 9 – अपराध क्रमांक 99/इश्त. क्र. 20/2004 धारा 110 जा०फौ०, अपराध क्रमांक 14- इश्त. क्र. 0222007 धारा 110जा०फौ0, अपराध क्रमांक 15- इश्त. क्र. 12/2011 धारा 110 जा०फौ०, अपराध क्रमांक 16- इश्त. क्र. 0/2012 धारा 110 जा०फौ०, अपराध क्रमांक 17 इश्त.क्र. 255/16 धारा 107, 116 (3) जा० फौ0, अपराध क्रमांक 18 – इश्त. क्र. 777/16 धारा 107,116 (3) जा०फौ० अपराध पंजीबद्ध है।