1 करोड़ 22 लाख महिलाएं 11.3 % का ही जमीन पर हक एक्टिविस्ट सचि ने कहा कि महिलाओं को सत्ता और संपत्ति में अधिकार मिलना चाहिए। इसका दो पक्ष है, एक मानने वाले दूसरा नहीं मानने वाले। 1 करोड़ 22 लाख महिलाएं हैं जिसमें मात्र 11.3 प्रतिशत महिलाओं का जमीन पर हक है। कुमुद ने कहा कि खेती का मुख्य भूमिका हल चलाना पुरुषों ने अपनी मुट्ठी में रखा है। कार्यक्रम में भाग लेतीं राज्य के विभिन्न जिलों से आईं महिलाएं। रांची | संवाद व झारखंड महिला किसान संगठन ने “महिला किसान पहचान और भूमि पर अधिकार’ विषय पर शुक्रवार को पुरुलिया रोड स्थित एसडीसी सभागार में राज्यस्तरीय महिला किसान सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन में राज्य के विभिन्न जिलों से 108 महिलाएं व पुरुष शामिल हुए। सार्क संगठन हजारीबाग की सचिव बिन्नी ने कहा कि खेती की नींव महिलाओं ने रखी है। लड़की का आधार कार्ड और राशन कार्ड का पता शादी के बाद ससुराल के परिवार में चढ़ाया जाता है, तो जमीन के कागज में महिला का नाम क्यों नहीं चढ़ाया जाता है। पुरुषों को भी सोचने की जरूरत है कि मेरे मरने के बाद मेरी बेटी, बहन या प|ी जिसे हम बहुत प्यार करते हैं, उसकी क्या स्थिति होगी। इसको ध्यान में रखते हुए महिलाओं को भी जमीन पर अधिकार देने की जरूरत है। संवाद ने महिला किसान पहचान और भूमि पर अधिकार पर राज्यस्तरीय सम्मेलन