बरेली की एंटी करप्शन कोर्ट ने तीन पुलिस कर्मियों को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई। सजा पाने वालों में एक गुंडा भी है। इन लोगों ने 14 साल पहले बरेली की SP ट्रैफिक रहीं कल्पना सक्सेना को कार से कुचला। फिर 200 मीटर तक घसीटते हुए ले गए। IPS कल्पना को लात-घूंसों से पीटा और कहा था- आज तेरा आखिरी दिन है। कई दिनों के इलाज के बाद जब IPS को अस्पताल से छुट्टी मिली तो उन्होंने केस दर्ज कराया था। सोमवार को कोर्ट में जस्टिस सुरेश कुमार गुप्ता के फैसला सुनाते ही आरोपी फूट-फूटकर रोने लगे। पुलिस ने चारों को जेल भेज दिया है। IPS कल्पना सक्सेना इस समय गाजियाबाद की एडिशनल सीपी हैं। अब विस्तार से जानिए पूरा मामला… अवैध वसूली की शिकायत पर पहुंची थीं IPS कल्पना
सहायक अभियोजन अधिकारी (APO) विप्रणा गौड़ ने बताया, घटना 2 सितंबर 2010 की है। उस वक्त कल्पना सक्सेना बरेली में SP ट्रैफिक के पद पर तैनात थीं। यह उनकी बतौर SP पहली पोस्टिंग थी। कल्पना को सूचना मिली कि दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे पर मजार के पास भीषण जाम लगा है। तीन सिपाही रविंद्र, रावेंद्र, मनोज एक गुंडे धर्मेंद्र के साथ मिलकर वसूली कर रहे हैं। जब वह मौके पर पहुंचीं, तो देखा कि रोड पर ट्रकों की लंबी लाइन लगी थी। सिपाही ट्रक ड्राइवरों से वसूली कर रहे थे। वसूली का विरोध करने पर सिपाहियों ने एसपी पर हमला कर दिया। इसके बाद गाड़ी से भागने लगे। IPS ने दौड़ाकर सिपाहियों को पकड़ना चाहा। लेकिन, सिपाहियों ने उन्हें अपनी गाड़ी से कुचल दिया। 200 मीटर तक घसीट कर ले गए। उनके सिर पर वार भी किया गया और कहा गया कि ‘आज तेरा आखिरी दिन है।’ जब सिपाही एसपी कल्पना सक्सेना को नहीं मार सके तो उन्हें धक्का देकर भाग गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां कई दिनों तक उनका इलाज चला था। इस घटना ने देश भर के प्रशासनिक अमले को हिला कर रख दिया था। पुलिसकर्मियों पर दर्ज हुई थी FIR
अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद कल्पना सक्सेना ने एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने धारा-307 के तहत मुकदमा किया था। उस वक्त IPS ने कहा था- ‘वे (पुलिसकर्मी) मुझे अच्छी तरह से जानते थे। उन्होंने जानबूझकर मुझे घसीटा था। मैसेज देना चाहते थे कि उन्हें अपने वरिष्ठ अफसरों का डर नहीं है।’ पुलिस ने 2010 में एक चार्जशीट लगाई, जिसके बाद तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया। बाद में विभागीय जांच हुई। जांच में दोषी पाए जाने पर तीनों पुलिसकर्मियों को 2014 में बर्खास्त कर दिया गया। कोर्ट में कुल 14 गवाह और 22 साक्ष्य पेश किए गए, जिसे सुनने के बाद अब कोर्ट ने चारों को सजा सुनाई। भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हो सके साबित
जांच में खुलासा हुआ कि सिपाही रावेंद्र नकटिया का रहने वाला है। सिपाही रविंद्र उर्फ टाइगर फर्रुखाबाद और सिपाही मनोज उर्फ सुल्ताना है। धर्मेंद्र सिपाही रावेंद्र का सगा भाई है। ये लोग वसूली करने के बाद आपस में बराबर–बराबर बांट लिया करते थे। तीनों सिपाहियों को कोर्ट ने जानलेवा हमला व अन्य धाराओं में तो दोषी माना। लेकिन, भ्रष्टाचार के आरोप साबित नहीं हो सके। बरेली में मिली थी SP ट्रैफिक की पहली पोस्टिंग 21 अप्रैल 1968 को जन्मीं कल्पना सक्सेना मेरठ की रहने वाली हैं। उन्होंने जियोग्राफी से एमए तक की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने UPPSC PCS परीक्षा पास की और उनका चयन 1994 में पीपीएस अधिकारी के रूप में हुआ। 16 जनवरी 1994 को उनकी नियुक्ति हुई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस में 16 साल की नौकरी के बाद, कल्पना सक्सेना का प्रमोशन वर्ष 2010 में आईपीएस के पद पर हो गया। बरेली में उनकी पहली पोस्टिंग एसपी ट्रैफिक के पद पर हुई थी। इसके बाद वह कई अलग-अलग जगहों पर रहीं। अब वह डीआईजी (DIG) रैंक की अधिकारी हैं और 30 जनवरी 2024 को उन्हें एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस, गाजियाबाद नियुक्त किया गया। पुलिस विभाग में बेहतरीन सेवाओं के लिए उन्हें कई अवॉर्ड्स भी मिल चुके हैं। ————————————- ये खबर भी पढ़ें :- महाकुंभ में बॉलीवुड स्टार का जमावड़ा : कैटरीना ने संतों का आशीर्वाद लिया; अक्षय कुमार बोले-अबकी व्यवस्था अच्छी महाकुंभ में बॉलीवुड और अध्यात्म का अद्भुत संगम आज देखने को मिला। फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार अक्षय कुमार ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। एक्ट्रेस कैटरीना कैफ ने भी स्वामी चिदानंद सरस्वती के आश्रम में पहुंचकर सनातन संस्कृति के पावन पर्व की सुखद अनुभूति प्राप्त की। साथ ही संगम में स्नान किया। पढ़ें पूरी खबर