भास्कर न्यूज | अमृतसर भारतीय जनता पार्टी पंजाब के जनरल सेक्रेटरी डॉ. जगमोहन सिंह राजू ने बंदी सिंहों की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा और मांग की है कि वह मानवता के आधार पर बंदी सिंहों की रिहाई करवाएं। अपने लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि 6 जून, सिख पंथ के लिए पीड़ा और रोष का दिन है। इस दिन 1984 में, जैसा कि आपने संसद में कहा सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ श्री अकालतख्त साहिब पर हमला किया गया था। उन्होंने कहा कि मोदी जी, आप पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने आधिकारिक तौर पर श्री अकाल तख्त पर हमले को हमला माना है। यहां तक कि एक सिख प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी भी यह सचाई कबूल करने का साहस नहीं जुटा पाए। इस सत्य को स्वीकार करने के लिए सिख पंथ आपका आभारी है। सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ श्री अकालतख्त साहिब पर इस हमले ने सिख मानस और गौरव को स्थायी रूप से घायल कर दिया था। पंथ की आहत भावनाओं को शांत करने के लिए कोई सूझवान नेता न होने के कारण, सिख युवाओं ने अत्याचारियों विरुद्ध विद्रोह कर दिया। प्रतिशोध में इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई। फिर दिल्ली में सिख नरसंहार हुआ। सिख नरसंहार का बदला लेने के लिए, कई दोषियों और निर्दोषियों की हत्याएं हुईं। मौत का यह तांडव बीस साल तक चलता रहा। इस खूनी दौर में सिख युवाओं की एक पूरी पीढ़ी खत्म हो गई। सिखों के हत्यारों को सजा दिलवाकर और दिल्ली सिख कत्लेआम में अनाथ हुए बच्चों को नौकरी देकर आपने सिखों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है। पंथ इस उपकार के लिए आपका सदैव ऋणी रहेगा। उन्होंने पीएम से अपील की कि वह न्याय और दया के भाव से बंदी सिखो की रिहाई पर पुनर्विचार करें। उन्हें उनके अपराधों की पर्याप्त सजा मिल चुकी है। अब उन पर दया करने का समय आ गया है।


