अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर राजकीय पाना देवी कन्या महाविद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान ‘वोट का अधिकार एवं मतदान का नैतिक महत्व’ विषय पर एक भाषण प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. आर.पी. गुर्जर ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा- मानवाधिकारों के क्रियान्वयन में लोकतांत्रिक शासन प्रणाली की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने बताया कि लोकतंत्र में सत्ता परिवर्तन मतदान के माध्यम से होता है। प्राचार्य ने छात्राओं से आग्रह किया कि वे मतदान करते समय यह सुनिश्चित करें कि जिस सरकार को वे चुन रही हैं, उसकी लोकतंत्र में आस्था हो। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चर्चा इस अवसर पर प्रो. विमल कुमार यादव ने भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत न केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि यह एक गतिशील और विकासशील शासन व्यवस्था भी है। प्रो. यादव ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के व्यावहारिक क्रियान्वयन के लिए भारतीय संविधान में मूल अधिकारों के माध्यम से उचित व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने भारतीय संविधान के भाग-3 को अधिकारों का मैग्नाकार्टा बताया। कार्यक्रम में प्रो. मनोज कुमार सैनी, प्रो. विशम्भर दयाल और प्रो. विमल कुमार यादव सहित महाविद्यालय के स्टाफ सदस्य और छात्राएं उपस्थित रहीं।


