सरगुजा जिले में सीतापुर इलाके के ग्राम कसाइडीह में रहने वाले एक 16 साल के छात्र ने इसलिए फांसी लगा आत्महत्या कर ली, क्योंकि पिता ने मोबाइल देखना बंद कर उसे परीक्षा देने के लिए डांटा। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस जांच में जुटी हुई है। हैरानी की बात है कि एक महीने के भीतर परीक्षा देने जाने, खराब रिजल्ट आने की बात से परेशान तीन नाबालिगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। बताया गया कि सीतापुर थाना क्षेत्र के कसाईडीह का रहने वाला एक छात्र कक्षा 9वीं में पढ़ता था। पढ़ाई में कमजोर होने से वह पिछले साल उसी कक्षा में फेल भी हो चुका था। नवमी की परीक्षा देने के नाम से वह घर से निकलता, लेकिन वह कक्षा में नहीं बैठता था। इधर-उधर घूमकर घर लौट जाता था। मंगलवार सुबह मोबाइल देख रहे छात्र को उसके पिता ने परीक्षा देने जाने के लिए फटकार लगाई तो छात्र नाराज हो गया। इसके बाद वह घर की बकरियों को चराने घर से करीब तीन किमी दूर जंगल गया और वहीं जामुन के पेड़ में बकरी बांधने वाली रस्सी से फांसी लगा आत्महत्या कर लिया। शाम को जब पांच बजे सारी बकरियां चरकर घर लौटी और छात्र नहीं लौटा तो परिजन को चिंता हुई। पिता बच्चे को खोजने जंगल गए तो उसका शव वहीं पेड़ पर ही लटकता मिला। बेटे का शव देख पिता अवाक रह गए। किसी तरह से पिता गांव पहुंचे और घटना की जानकारी दूसरे लोगों को दी। इसके बाद ग्रामीणों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। शाम करीब सात बजे छात्र के शव को फंदे से उतारकर घर के पास रखा गया। दूसरे दिन पंचनामा की कार्रवाई कर पीएम के बाद शव परिजन को सौंपा गया। एक दिन पहले ही पीजीडीसीए के छात्र ने की थी खुदकुशी इधर, एक दिन पहले ही अंबिकापुर के गांधीनगर थाने इलाके के सुभाष नगर में किराए के मकान में रहने वाले पीजीडीसीए के 25 वर्षीय छात्र ने भी फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। छात्र ने एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें लिखा था कि मुझे पता है कि मैं जो कर रहा हूं, गलत है। साथ ही लिखा था कि वह बचपन से सब दुख-दर्द झेल रहा था। हालांकि अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि वह किस कारण से परेशान रहता था। मामले में पुलिस मर्ग कायम कर जांच कर रही है। युवक बतौली इलाके का रहने वाला था, उसका शव किराए के मकान से करीब 400 मीटर दूर पेड़ पर लटका हुआ मिला था। एक्सपर्ट व्यू – बच्चों में होने वाले बदलाव को करें नोटिस
पीजी कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग प्रो. दीप्ति विश्वास ने बताया कि छोटे बच्चों में आत्महत्या की बढ़ती प्रवृति बहुत चिंताजनक है। आज मोबाइल और टीवी के माध्यम से बहुत सी वांछित के साथ ही अवांछित जानकारी भी बच्चों को आसानी से मिल जाती है। ऐसे में अभिभावकों को बहुत सचेत होने की जरूरत है। बच्चों के साथ संवाद लगातार बने रहना चाहिए। उनके साथ मित्रवत रहें, ताकि वो अपनी हर बात साझा करें।