मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे की भूख हड़ताल का आज दूसरा दिन है। जरांगे जालना से बुधवार को मुंबई के लिए निकले थे। उन्होंने 29 अगस्त को मुंबई आजाद मैदान में अनशन शुरू किया। जरांगे ने घोषणा की कि जब तक समुदाय की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, वे पीछे नहीं हटेंगे। मनोज ने चेतावनी दी कि हम अपना हक मांग रहे हैं, यह हमारी आखिरी लड़ाई है। अगर सरकार शिक्षा और नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर फैसला लेने में देरी करती है, तो वह अगले दो दिनों में पानी पीना बंद कर देंगे। जरांगे की मांग है कि सभी मराठों को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण के लिए ओबीसी के तहत कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए। शुक्रवार को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर सैकड़ों समर्थकों ने शरण ली। कई प्रदर्शनकारियों ने अपनी गाड़ियों में रात बिताई। आंदोलन के पहले दिन की तस्वीरें… मराठा आरक्षण आंदोलन पर किसने, क्या कहा… 2023 से लेकर अबतक 7वां अनशन जरांगे ने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कई विरोध रैलियां और भूख हड़तालें की हैं। आंदोलन के बाद, 20 फरवरी 2024 को राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठों को 50% की सीमा से ऊपर 10% आरक्षण देने के लिए एक विधेयक पेश किया। इस साल जनवरी में भी राज्य सरकार की ओर से भाजपा विधायक सुरेश धास के हस्तक्षेप के बाद, जारंगे ने छठे दिन अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी थी। 2023 के बाद से यह उनका 7वां विरोध प्रदर्शन है। हालांकि इससे पहले 5 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण देते समय 50% आरक्षण का उल्लंघन करने का कोई वैध आधार नहीं होने पर कॉलेजों] उच्च शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण को रद्द कर दिया था।


