हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर भारतीय जनता पार्टी ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। शिमला में BJP के विधायक राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिलने राजभवन पहुंचे और कांग्रेस सरकार के कार्यकाल की नाकामियों का ‘कच्चा चिट्ठा’ नाम का दस्तावेज गवर्नर को सौंपा। इसमें BJP ने मुख्यमंत्री कार्यालय को भ्रष्टाचार का अड्डा बताया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय में रहे एक कर्मचारी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को एक गुमनाम पत्र लिख कर आरोप लगाया कि CM कार्यालय में कार्यरत एक अधिकारी, बिजली बोर्ड के आला अधिकारी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को अंजाम दे रहे हैं। किन्नौर स्थित शोंगटोंग-कड़छम हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट बनाने वाली मैसर्ज पटेल इंजीनियरिंग कंपनी ने 25 करोड़ रुपए इन अधिकारियों को दिए। शराब ठेकों की नीलामी में भ्रष्टाचार का आरोप बीजेपी ने सरकार पर दूसरा बड़ा आरोप आबकारी एवं कराधान विभाग में शराब के ठेकों की नीलामी में लगाया। कच्चा चिट्ठा में बीजेपी ने आरोप लगाया कि विभाग ने जिलों में छोटे यूनिट मिलाकर बड़े यूनिट बना दिए। ताकि चहेते ठेकेदारों को ज़्यादा काम मिल सके। सिरमौर ज़िला में 5 यूनिट का 1 यूनिट बनाया गया। इसी तरह मंडी ज़िला में 8 यूनिट का 1 यूनिट, नूरपुर में 5 यूनिट का 1 यूनिट, चंबा ज़िला में 11 यूनिट का 1 यूनिट और बिलासपुर में 5 यूनिट के 2 यूनिट बनाकर इस घोटाले को अंजाम दिया। सीएम के करीबी से 400% ज्यादा दाम पर HRTC ने खरीदी जमीन बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर भू-घोटाले का आरोप लगाया। इसमें कहा गया कि फरवरी-मार्च 2015 में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के करीबी अजय कुमार, राजेंद्र सिंह राणा और प्रभात चंद ने महेश्वर सिंह से 70 कनाल जमीन 2.60 लाख रुपए में तीन अलग-अलग रजिस्ट्रियां करवा कर खरीदी थी। उस समय वहां के तहसीलदार अनिल मनकोटिया थे, जो अब मुख्यमंत्री के OSD हैं। दिसंबर 2023 में मुख्यमंत्री सुक्खू ने 70 कनाल जमीन तीनों चहेतों से HRTC को 6.72 करोड़ यानी 400% ज्यादा दाम बढ़ा कर दिलवा दी। ऐसा कर इस भू-घोटाले को अंजाम दिया गया। मुख्यमंत्री के परिवार को लपेटा बीजेपी ने आरोप लगाया कि जल शक्ति विभाग मंडल परागपुर द्वारा उठाऊ पेयजल योजना गांव रक्कड़ में 2 रिसवा कुंओं को लगाने के लिए 00-07-65 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई। जिसके एवज में इस भूमि के मालिक मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू के परिवार ने 18 लाख रुपए लिए। इसमें कुछ राशि सीएम सुक्खू के अकाउंट में डालने का आरोप बीजेपी ने कच्चा चिट्ठा में लगाया। सीएम पर जमीन की किस्म बदलने का आरोप कच्चा चिट्ठा में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के भाई राजीव सिंह ने नादौन में 769 कनाल जमीन खरीदी। जिसे साल 2012 में सुक्खू ने अपने नाम करवा लिया, तब यह कृषि भूमि के नाम से दर्ज थी। मगर उस समय के एसडीएम अनिल मनकोटिया जो अब मुख्यमंत्री के OSD हैं, उन्होंने इस जमीन की किस्म को बदल दिया और सुक्खू ने इस भूमि को 2017 व 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिए हल्फनामे में गैर कृषि भूमि दर्शाया और इसकी कीमत 2 करोड़ 78 लाख रुपए बताई। जबकि सच यह है की भूमि निर्धारण धारा-3 के अनुसार यह भूमि किसी भी परिभाषा में नहीं आती। प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति अपने OSD से मिलकर किस तरह भू-घोटाले को अंजाम दे रहे हैं। यह उसका एक उदाहरण है। सरकार पर वन माफिया को सरंक्षण देने का आरोप बीजेपी ने वन माफिया प्राइवेट जमीन से पेड़ काटने को अपने चहेतों को लाइसेंस देने, सरकारी जंगलों में अवैध रूप से खैर कटान और पेट्रोल पंप के लिए सरकारी जमीन एक चहेते को देने के भी आरोप लगाए। बीजेपी ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार में बड़े पैमाने पर हिमाचल की संपत्तियों को बेचना शुरू कर दिया है। पर्यटन निगम इसका एक उदाहरण है। बीजेपी ने लोक निर्माण विभाग को भी भ्रष्टाचार का अड्डा बताया और चहेतों को टेंडर देने के आरोप लगाए। भरवाई डिवीजन में एक काम का टेंडर इसी कारण 10 बार रद्द किया गया। कई डिविजनों में अपने मित्रों को काम देने के लिए टेंडर बार बार रद्द कर दिए जाते हैं। बीजेपी ने भ्रष्ट अधिकारियों को सरंक्षण देने, भ्रष्ट अधिकारियों को महत्वपूर्ण जगह तैनाती देने, कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में वन टाइम सेटलमेंट पालिसी के नाम पर प्रभावशाली लोगों को लाभ पहुंचाने, देहरा में राशन और ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट में घोटाला करने के गंभीर आरोप लगाए।