मुर्शिदाबाद हिंसा- घर से घसीटकर पिता-बेटे को मारा था:900 पन्नों की चार्जशीट, 13 आरोपी; वक्फ एक्ट के खिलाफ हिंसा में 3 मौतें हुई थीं

पश्चिम बंगाल पुलिस ने मुर्शिदाबाद हिंसा के दौरान पिता-बेटे सहित तीन लोगों की मौत मामले में शुक्रवार को जंगीपुर कोर्ट में 900 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। इसमें बताया गया कि हरगोबिंदो दास और उनके बेटे चंदन को उनके घर से घसीटकर उनके परिवार के सामने कुल्हाड़ी से मारा गया था। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, चार्जशीट में 13 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत घर में घुसने, घर में सेंध लगाने, दंगा करने और ग्रुप में हत्या करने और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। नए वक्फ बोर्ड कानून के खिलाफ बंगाल के मुर्शिदाबाद में 8 से 12 अप्रैल तक हिंसा हुई थी। इसमें तीन लोगों की मौत हुई थी। कई लोग घायल हुए थे। दंगाइयों ने कई घर और दुकानें भी जला दी थीं। हिंसा के मामले में जिले के कई पुलिस थानों में 60 से ज्यादा FIR दर्ज हुई थीं। 300 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। इस हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट की तरफ से 17 अप्रैल को तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी। इसमें राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक-एक सदस्य शामिल थे। पिछले महीने समिति ने गंभीर खुलासे किए थे। इसमें कहा गया है कि हिंसा में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के स्थानीय नेता की भूमिका थी। हमलों का नेतृत्व स्थानीय पार्षद महबूब आलम ने किया। रिपोर्ट के अनुसार हिंसा में खासतौर पर हिंदू समुदाय को निशाना बनाया गया। इस दौरान पीड़ितों ने कई बार पुलिस को कॉल किया, लेकिन कोई मदद नहीं पहुंची। रिपोर्ट के 4 अहम पॉइंट्स… बंगाल गवर्नर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेज चुके पश्चिम बंगाल के गवर्नर सी. वी. आनंद बोस ने 4 मई को मुर्शिदाबाद दंगे पर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें कट्टरपंथ और उग्रवाद को पश्चिम बंगाल के लिए बड़ा खतरा बताया था। गवर्नर ने कहा था कि बंगाल को दोहरा खतरा है, खासतौर पर बांग्लादेश से सटे मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में ज्यादा है, क्योंकि यहां हिंदू आबादी अल्पसंख्यक हैं। उन्होंने नॉर्थ दिनाजपुर को भी संवेदनशील जिला बताया था। गवर्नर की रिपोर्ट के 4 मुख्य सुझाव.. गवर्नर का दावा- मुर्शिदाबाद हिंसा प्री-प्लांड थी
बंगाल गवर्नर ने दावा किया था कि मुर्शिदाबाद हिंसा पहले से ही प्लान की गई थी। राज्य सरकार को पहले से खतरे का अंदेशा था, क्योंकि 8 अप्रैल को वक्फ (अमेंडमेंट) एक्ट जारी होने के तुरंत बाद हिंसा भड़क गई और राज्य सरकार ने उसी दिन इंटरनेट बंद कर दिया। उन्होंने कहा था कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में कोऑर्डिनेशन की बड़ी कमी दिखी। इसी वजह से केंद्र को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संवैधानिक विकल्प तलाशने की सिफारिश की है। हिंसा का मास्टरमाइंड दो बेटों के साथ गिरफ्तार पश्चिम बंगाल पुलिस की SIT ने हिंसा मामले में 21 अप्रैल को ओडिशा के झारसुगुड़ा से 16 लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी झारसुगुड़ा जाकर छिपे थे। हिंसा के मास्टरमाइंड जियाउल हक और उसके दोनों बेटों सफाउल हक और बानी इसराइल को भी गिरफ्तार किया गया। इन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। पश्चिम बंगाल पुलिस STF और SIT ने मिलकर जॉइंट ऑपरेशन चलाया। अधिकारियों ने CCTV फुटेज और मोबाइल टावर रिकॉर्ड बरामद किए। इनसे क्राइम सीन पर इनकी मौजूदगी की बात कन्फर्म हुई। हरगोबिंदो दास और उनके बेटे चंदन दास की हत्या मामले में पुलिस ने कालू नादर, दिलदार, इंजमाम उल हक को मुराराई और जियाउल शेख नाम के लोगों को अरेस्ट किया है। मुर्शिदाबाद में हिंसा का इतिहास
मुर्शिदाबाद जिला बांग्लादेश की सीमा से सटा है। जिले में मुस्लिमों की आबादी करीब 70% है। यह पश्चिम बंगाल का सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला जिला है। मुर्शिदाबाद में पहले भी हिंसा होती रही है। दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। तब भी मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़क गई थी। 14 दिसंबर 2019 को प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशनों और बसों को निशाना बनाया। लालगोला और कृष्णापुर स्टेशन पर 5 ट्रेनों में आग लगा दी गई और सूती में पटरियां तोड़ दी गई थीं। 2024 में राम नवमी के दौरान मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर इलाके में हिंसा भड़की थी। इस दौरान 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया कि जुलूस पर छतों से पत्थर फेंके गए। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव
पश्चिम बंगाल में करीब 30% आबादी मुस्लिम है। इनकी सबसे ज्यादा तादाद मुर्शिदाबाद, मालदा और नॉर्थ दिनाजपुर में है। BJP ने 2019 के बाद से राज्य में जगह बनानी शुरू की। 2021 के चुनाव में पार्टी सरकार भले नहीं बना पाई, लेकिन 77 सीटें जीतकर विपक्षी दल की भूमिका में आ गई। उसे 38% वोट मिले थे। …………………………….. मुर्शिदाबाद दंगे पर ये खबर भी पढ़ें… क्या ममता के गढ़ मुर्शिदाबाद में बांग्लादेशियों ने भड़काई हिंसा पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद हिंसा की शुरुआत सूती कस्बे से हुई, लेकिन जल्द ही इसका असर शमशेरगंज और रघुनाथगंज तक पहुंच गया। अब तक तीन मौतें हो चुकी हैं। करीब 50 लोग घायल हैं। इनमें फरक्का के SDPO समेत 16 पुलिसवाले भी शामिल हैं। सूती, शमशेरगंज और रघुनाथगंज से करीब 170 लोगों को अरेस्ट किया गया है। पढ़िए पूरी खबर…

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