कांकेर वनमंडल के नरहरपुर परिक्षेत्र में एक मृत तेंदुए के पंजे काटे जाने का गंभीर वन्यजीव अपराध सामने आया है। इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से तेंदुए के कटे हुए पंजे बरामद किए गए हैं। यह घटना 4 दिसंबर 2025 को देवी नवागांव परिसर के ग्राम करियापहार में हुई। कृषक शिवराम नेताम और रामचंद नेताम के खेत में स्थित एक कुएं में एक नर तेंदुआ मृत अवस्था में मिला था। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और वनमंडलाधिकारी की उपस्थिति में शव को कुएं से बाहर निकाला गया। निरीक्षण में पाया गया कि तेंदुए के चारों पैर पंजों सहित काटकर गायब कर दिए गए थे, जिससे मामले की गंभीरता बढ़ गई। तेंदुए का पोस्टमॉर्टम हुआ सूचना मिलते ही तीन सदस्यीय चिकित्सक दल ने मौके पर ही तेंदुए का पोस्टमॉर्टम किया और वन्य प्रोटोकॉल के अनुसार शव का दहन कराया गया। अज्ञात आरोपियों के खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9 के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई। डॉग स्क्वाड टीम भी जांच में शामिल घटना के तुरंत बाद रायपुर से राज्य स्तरीय उड़नदस्ता दल की डॉग स्क्वाड टीम भी जांच में शामिल हो गई। मुख्य वन संरक्षक, कांकेर वृत्त राजेश कुमार चंदेले, मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) जगदलपुर स्टाइला मंडावी और वनमंडलाधिकारी कांकेर रौनक गोयल के मार्गदर्शन में आरोपियों की तलाश तेज की गई। कटे हुए पंजे बरामद गहन जांच के बाद 6 दिसंबर को ग्राम करियापहार के चार आरोपियों शत्रुघन (51 वर्ष), श्रवण (19 वर्ष), छबिलाल (35 वर्ष) और बुधारू (71 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से तेंदुए के कटे हुए पैर (नाखून सहित) और पंजा काटने में प्रयुक्त कुल्हाड़ी, लकड़ी, कटारी, रस्सा आदि सामग्री जब्त की गई। आरोपियों पर होगी सख्त कार्रवाई वन विभाग ने वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत किया है। विभाग ने इसे एक गंभीर वन्यजीव अपराध मानते हुए सख्त कार्रवाई जारी रखने की बात कही है। जांच में ग्राम प्रमुखों का सहयोग सराहनीय रहा।


