मुंगेली में कलेक्टर कुन्दन कुमार के निर्देश पर मेडिकल एजेंसियों में कोल्ड्रिफ और डेक्सट्रोमेर्थाफिन कफ सिरप की जांच की गई। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इन सिरप को अमानक घोषित किया है। इसके बाद बच्चों को कफ सिरप केवल चिकित्सकीय परामर्श पर ही देने के निर्देश जारी किए गए हैं। सहायक औषधि नियंत्रक ने बताया कि तमिलनाडु के फार्मास्युटिकल कांचीपुरम की ओर से निर्मित कोल्ड्रिफ कफ सिरप और राजस्थान के कायन्स फार्मा, जयपुर की ओर से निर्मित डेक्सट्रोमेर्थाफिन कफ सिरप को अमानक स्तर का पाया गया है। इसी के तहत जिले के थोक औषधि विक्रेताओं और बच्चों के अस्पताल स्थित फुटकर औषधि विक्रेताओं के कोल्ड्रिफ कफ सिरप के स्टॉक का सघन निरीक्षण किया गया। मुंगेली स्थित नथानी मेडिकल एजेंसी, अजय मेडिकल-जनरल स्टोर्स, नरेंद्र मेडिकल स्टोर्स, मीरा मेडिकल एजेंसी, प्रकाश मेडिकल एजेंसी, गीता एजेंसी और शिवम एजेंसी की जांच की गई। इन थोक विक्रेताओं के पास उल्लेखित दवाइयों का स्टॉक नहीं मिला। बच्चों के अस्पताल स्थित आस्तिक मेडिकल स्टोर्स, एंजल मेडिकोज और यशोदा फार्मेसी का भी निरीक्षण किया गया। इन विक्रेताओं को 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप केवल चिकित्सकीय परामर्श पर ही देने के निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान अन्य निर्माता कंपनियों के कफ सिरप के नमूने भी लिए गए। इन्हें जांच के लिए रायपुर स्थित औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।