प्रदेशभर में सरकारी स्कूलों को बंद करने के निर्णय के खिलाफ कांग्रेस ने युक्तियुक्तकरण नीति का विरोध किया। दुर्ग में जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष राकेश ठाकुर के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने शिक्षा विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया। विरोध रैली की शुरुआत दुर्ग बस स्टैंड से हुई, जो नारेबाजी करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय पहुंची। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारे लगाए। जिला शिक्षा कार्यालय के घेराव को देखते हुए प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात किया था। कार्यालय की ओर बढ़ते कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए बेरिकेडिंग की गई थी, लेकिन प्रदर्शनकारी पहली बेरिकेडिंग को तोड़कर आगे बढ़ गए। इसके बाद दूसरी बेरिकेडिंग पर पुलिस ने उन्हें रोका, जहां दोनों पक्षों के बीच झूमाझटकी भी हुई। रसोइया, चपरासी, महिला सहायता समूह की सदस्य बेरोजगार हो जाएंगे- कांग्रेस जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने कहा कि, यह निर्णय शिक्षा व्यवस्था पर तुगलकी फरमान है। प्रदेश में 10,463 स्कूलों को बंद करने से लगभग 45,000 शिक्षकों के पद खत्म हो जाएंगे। इसके साथ ही रसोइया, चपरासी, महिला सहायता समूह की सदस्य और अन्य स्टाफ भी बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन में खोले गए 700 आत्मानंद स्कूलों को वर्तमान सरकार कमजोर कर रही है। न तो पर्याप्त शिक्षक दिए जा रहे हैं और न ही समय पर वेतन। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांगों को शासन तक भेजा जाएगा- लेखा अधिकारी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में डीईओ की गैरहाजिर में उनके प्रतिनिधि के रूप में लेखा अधिकारी राजेंद्र ओझा को ज्ञापन दिया। लेखा अधिकारी राजेंद्र राजेंद्र ओझा ने बताया कि, कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मांगों को राज्य शासन तक भेजा जाएगा। स्कूल बंद करने के निर्णय पर पुनर्विचार की सिफारिश की जाएगी।


